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Author: Pratyaksha
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समाज की, प्रेम की, और देह की एक-दूसरे को काटती नैतिकताओं के द्वन्द्व में उलझा एक मन है जो फ़ौरी राहत के लिए अपने अतीत के सफ़र पर निकल पड़ता है। अतीत की नीम रौशन गलियों में जहाँ अपने-अपने वक़्तों को जीते पुरखे हैं, पुरखिनें हैं, उनके रिश्ते हैं, सुख-दुख हैं, उनका वैभव है, एक बड़ी दुनिया जो अब तुड़ी-मुड़ी पुरानी तस्वीरों और पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आती स्मृतियों में जीवित है।

अपने विवाहित जीवन में आई प्रेम की ताज़ा और जीवन्त हिलोर में बँधी हीरा सिर्फ़ प्रेम की सम्पूर्णता को जानती है, और उसे उसी निष्पाप भाव से जीना चाहती है; लेकिन जीवन की सुपरिभाषित सरणियों में न उसकी कामना अँट पाती है, न उसका प्रेम। नतीजा ख़ुद की और अपने सुकून की तलाश में भीतर और बाहर का सफ़र जो अपने साथ हमें भी एक दूसरी ही दुनिया में ले जाता है; जो परिवार अब दुनिया के अलग-अलग शहरों में फैला हुआ है, उसकी गहरी जड़ों को छूने की कोशिश ताकि कहीं से अपने आज के खंड-खंड सच को समझने का कोई सूत्र मिल जाए। वह सुकून मिल जाए जो किसी भी साँस लेती देह को चाहिए।

प्रत्यक्षा का यह नया उपन्यास स्मृति और इच्छा की इसी बुनत में एक सघन पाठ की रचना करता है।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 224p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Pratyaksha

Author: Pratyaksha

प्रत्यक्षा

प्रत्यक्षा हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखती हैं। अब तक दोनों भाषाओं में उनकी बारह किताबें छप चुकी हैं–‘जंगल का जादू तिल तिल’, ‘पहर दोपहर ठुमरी’, ‘एक दिन मराकेश’, ‘तुम मिलो दोबारा’, ‘तैमूर तुम्हारा घोड़ा किधर है’, ‘बारिशगर’, ‘ग्लोब के बाहर लड़की’, ‘नैनों बीच नबी’, ‘जाल’, ‘पारा पारा’ (हिन्दी); 'Rain Song', 'Meet Me Tomorrow' (अंग्रेज़ी)। 'Her Piece of Sky', '1984 : In Memory and Imagination', 'Other Windows : The Sangam House Reader', 'In Your Shoes', 'She Stoops To Kill' में उनकी अंग्रेज़ी कहानियाँ संकलित हैं। अंग्रेज़ी में लिखी उनकी कविताएँ 'Pyrta', ‘कृत्या’ और 'Everyday Poets' में प्रकाशित हैं। कुछ पेंटिंग्स 'The Four Quarters Magazine', ‘हंस’ और ‘कृत्या’ में प्रकाशित हैं। उनकी तीन कविताएँ 2013 में ‘रेडलीफ पोएट्री अवार्ड’ की लॉन्ग लिस्ट में शामिल रहीं और फिर वे उनकी एंथोलॉजी 'The Unsettled Winter' में प्रकाशित की गईं। 2014 में नॉर्वे के अन्तरराष्ट्रीय लिटरेचर फेस्टिवल बियोर्नसन फेस्टीवालेन में सहभागी रहीं। 2015 में संगम हाउस रेसिडेंसी की फ़ेलो रहीं।

उन्हें ‘सोनभद्र कथा सम्मान’ (2011), ‘इंडो नॉर्वेजियन पुरस्कार’ (2012), ‘कृष्ण बलदेव वैद फ़ेलोशिप’ (2013) और ‘हंस कथा सम्मान’ (2018) से सम्मानित किया गया है।

सम्प्रति : पावरग्रिड में मुख्य महाप्रबन्धक (वित्त) की हैसियत से कार्यरत।

ई-मेल : pratyaksha@gmail.com

ब्लॉग : www.pratyaksha.blogspot.com

 

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