Facebook Pixel

Pagalkhana-E-Book

Author: Gyan Chaturvedi
Edition: 2020, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹299.25 Regular Price ₹399.00
25% Off
In stock
SKU
9789387462748-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2020, Ed. 2nd
Pages 271p
Price ₹399.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14 X 2.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Pagalkhana-E-Book
Your Rating
Gyan Chaturvedi

Author: Gyan Chaturvedi

ज्ञान चतुर्वेदी

 

मऊरानीपुर (झाँसी) उत्तर प्रदेश  में 2 अगस्त, 1952 को जन्मे डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी की मध्य प्रदेश में ख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ के रूप में विशिष्ट पहचान है। चिकित्सा शिक्षा के दौरान सभी विषयों में ‘स्वर्ण पदक’ प्राप्त करनेवाले छात्र का गौरव हासिल किया। भारत सरकार के एक संस्थान (बी.एच.ई.एल.) के चिकित्सालय में कोई तीन दशक से ऊपर सेवाएँ देने के पश्चात् शीर्षपद से सेवा-निवृत्ति।

लेखन की शुरुआत सत्तर के दशक से ‘धर्मयुग’ से। प्रथम उपन्यास ‘नरक-यात्रा’ अत्यन्त चर्चित रहा, जो भारतीय चिकित्सा-शिक्षा और व्यवस्था पर था। इसके पश्चात् ‘बारामासी’, ‘मरीचिका’ तथा ‘हम न मरब’ जैसे उपन्यास आए।

दस वर्षों तक ‘इंडिया टुडे’ तथा ‘नया ज्ञानोदय’ में नियमित स्तम्भ। इसके अतिरिक्त ‘राजस्थान पत्रिका’ और ‘लोकमत समाचार’ दैनिकों में भी काफ़ी समय तक व्यंग्य स्तम्भ-लेखन।

अभी तक तक़रीबन हज़ार व्यंग्य रचनाओं का प्रकाशन। ‘प्रेत कथा’, ‘दंगे में मुर्गा’, ‘मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ’, ‘बिसात बिछी है’, ‘ख़ामोश! नंगे हमाम में हैं’, ‘प्रत्यंचा’ और ‘बाराखड़ी’ व्यंग्य-संग्रह।

शरद जोशी के ‘प्रतिदिन’ के प्रथम खंड का अंजनी चौहान के साथ सम्पादन।

भारत सरकार द्वारा 2015 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित। ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान’, (म.प्र. सरकार); दिल्ली अकादमी का व्यंग्य-लेखन के लिए दिया जानेवाला प्रतिष्ठित ‘अकादमी सम्मान’; ‘अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा-सम्मान’ (लन्दन) तथा ‘चकल्लस पुरस्कार’ के अलावा कई विशिष्ट सम्मान।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top