हिन्दी भाषा का जो स्वरूप आज हमारे सामने है, उसके निर्माण में लगभग एक हज़ार साल लगे हैं और हम दावे के साथ यह कहने की स्थिति में अब भी नहीं हैं कि यह स्वरूप आख़िरी या स्थिर है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के कारण मीडिया की हिन्दी भाषा के स्वरूप में निरन्तर परिवर्तन हो रहा है। आज हमें ऐसी हिन्दी भाषा की आवश्यकता है जो संस्कृत शब्दों से अलंकृत भी हो और अन्यान्य देशी-विदेशी भाषाओं के सरल, सहज और प्रचलित शब्दों से समृद्ध हो। पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्तियों एवं पत्रकारिता का प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों को भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है। प्रस्तुत पुस्तक में मीडिया की बदलती हिन्दी भाषा का विश्लेषण कर ऐसी हिन्दी भाषा को स्थापित करने का प्रयास किया गया है, जो प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर चले और आम जनमानस की भाषा बन सके।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 222p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 24 X 16 X 1.5
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You're reviewing:Media Ki Badalti Bhasha
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Dr. Ajay Kumar Singh

Author: Dr. Ajay Kumar Singh

अजय कुमार सिंह

जन्म : 28 सितम्बर, 1974; इलाहाबाद (उ.प्र.)

शिक्षा : पत्रकारिता एवं जनसंचार से परास्नातक एवं पी-एच.डी. उपाधि।

विभिन्न शोध पत्रिकाओं (रिसर्च जर्नल्स) में अनेकों शोधपत्र, आलेख प्रकाशित। विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में आलेखों/शोधपत्रों का प्रस्तुतीकरण। डी.डी. न्यूज़ (दूरदर्शन समाचार) लखनऊ से जुड़े रहे। डी.डी. न्यूज़ तथा अन्य न्यूज़ चैनलों पर एक हज़ार से अधिक

स्टोरी/न्यूज़ प्रसारित। पूर्व सह-सम्पादक–नेचुरल न्यूज़-मासिक पत्रिका।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘मीडिया की बदलती भाषा’, ‘सिर्फ़ पत्रकारिता’, ‘इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता’।

सम्प्रति : सहायक प्रोफ़ेसर, हरदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान; पूर्व एसोशियेट प्रोफ़ेसर एमएचपी इंस्टीट्यूट ऑफ़ जर्नलिज़्म एंड मास कम्यूनिकेशन, प्रयागराज; पूर्व सहायक प्रोफ़ेसर झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय राँची एवं पूर्व

विभागाध्यक्ष पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय, प्रयागराज, पूर्व व्याख्याता आइटीएमएस कॉलेज, प्रयागराज।

ई-मेल : akscuj@gmail.com

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