‘हिन्दू धर्म : जीवन में सनातन की खोज’ पुस्तक में हिन्दू धर्म-दर्शन पर विवेचनापूर्ण विचारों का संकलन किया गया है। इसमें हिन्दू धर्म की व्याख्या नहीं है, बल्कि विद्यानिवास जी के भीतर उमड़ रही सोच की साफ़-सुथरी अभिव्यक्ति है। सनातनता का हिन्दू धर्म के सन्दर्भ में यहाँ परम्परागत अर्थ नहीं है। यह तो एक खोज है, सत्य का अन्वेषण है, जिसे निरन्तर जारी रहना है।
यह पुस्तक उन सभी को सम्बोधित है, जो कहीं मन में यह पीड़ा पाले हुए हैं कि ऐसा हिन्दू होने से क्या हुआ, जो हमें मुसलमान कवि रसखान की अहीर की छोहरी न बना सका, जिसकी छछिया भर छाछ पर पूरी विश्व-सत्ता, पूरा विश्व-रससम्भार और पूरा विश्व-चैतन्य नाचने को बाध्य हो गया।
हिन्दू धर्म का उदात्त भाव, समन्वय की क्षमता, उदारता से भरा-पूरा विराट स्वरूप ही मनुष्य के जीवन को आलोकमय बनाने के साधन हैं। यह पुस्तक सभी के लिए प्रीतिकर प्रमाणित होगी।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 1979 |
Edition Year | 2023, Ed. 4th |
Pages | 174p |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 1.5 |