भविष्य में, यह महत्त्वपूर्ण होगा कि हम एआई के विकास और उपयोग को ऐसे ढंग से नियंत्रित करें जो इनसानी कौशल और रचनात्मकता को बढ़ावा दे, न कि उसे प्रतिस्थापित करे। —AI चैटबॉट
कम्प्यूटर की मेधा पुस्तक कृत्रिम बुद्धि की बहस को आगे ले जाती है। इस पुस्तक में पहली बार कृत्रिम मेधा की चर्चा की गयी है जो भविष्य की सम्भावना को दिखाती है। यह कृत्रिम बुद्धि के द्वारा भाषा के क्षेत्र में होने वाले क्रान्तिकारी बदलाव को यह पुस्तक सामने लाती है। ‘कम्प्यूटर की मेधा’ न केवल भाषा प्रौद्योगिकी के लोगों के लिए उपयोगी है, वरन् मानविकी एवं समाज-विज्ञान के विद्वानों एवं चिन्तकों को इस नवाचार और नवोन्मेष के प्रति सोचने हेतु भी विवश करती है। कॉपीराइट और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को कृत्रिम बुद्धि के द्वारा मिलने वाली चुनौती के विविध आयामों को भी इसमें प्रायोगिक रूप से दिखाया गया है।
योगेन्द्र प्रताप सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज के हिन्दी एवं भारतीय भाषा विभाग में प्रोफ़ेसर हैं। उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन व सम्पादन किया है जिनमें प्रमुख हैं—बात बने, न बने, संचार माध्यम बनाम साहित्य, मीडिया और साहित्य, वैश्वीकरण और हिन्दी, भारतीय राष्ट्रीयता एवं सन्त-परम्परा, प्रयोजनमूलक हिन्दी, काव्यशास्त्र एवं साहित्यालोचन, नई कहानी, आधुनिक हिन्दी कहानी, हिन्दी निबन्ध एवं अन्य गद्य विधाएँ, एकांकी सप्तक, कहानी सप्तक। उन्होंने आधुनिक हिन्दी भाषा एवं साहित्य में सर्वेक्षणात्मक शोध-अध्ययन की पहल की। 1975 से 2000 तक के हिन्दी साहित्य का सर्वेक्षण (वृहत् शोध-परियोजना, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग), लॉकडाउन के दौरान साहित्यिक अभिरुचि का सर्वेक्षण किया। काव्यभाषा का भी सर्वेक्षण। वे भारतीय हिन्दी परिषद, प्रयागराज के प्रधानमंत्री; मानव संसाधन मंत्रालय एवं संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व राजभाषा सलाहकार और प्रथम राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान लेखक सम्मेलन, लखनऊ (2018) के संयोजक रहे हैं। 2000 से 2001 तक संस्कृति विभाग, भारत सरकार के कनिष्ठ फेलो रहे। फिलहाल मानविकी एवं समाजविज्ञान के अन्तर्विषयी शोध पर आधारित अर्द्धवार्षिक अन्तरराष्ट्रीय शोध जर्नल ‘शोध-संचयन’ के प्रधान सम्पादक है। उन्हें ‘मदन मोहन मालवीय सम्मान’, ‘वैश्वीकरण एवं हिन्दी’ पुस्तक पर हिन्दुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज के ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान-2018’, ‘उत्तर प्रदेश भाषा मित्र सम्मान-2018’, ‘आचार्य क्षेमेन्द्र मनीषी साहित्य सम्मान’, ‘पं. प्रतापनारायण मिश्र स्मृति युवा साहित्यकार सम्मान-1999’ से सम्मानित किया गया है।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2025 |
Edition Year | 2025, Ed. 1st |
Pages | 288p |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 21.5 X 14 X 1.5 |