Aklant Kaurav-Hard Back

Special Price ₹335.75 Regular Price ₹395.00
You Save 15%
ISBN:9788183611619
In stock
SKU
9788183611619
- +

यह उपन्यास सामयिक वाम राजनीति के परस्पर विरोधी पक्षों के संघर्ष की प्रामाणिक दस्तावेज़ है और इतनी परिपक्व राजनीतिक सूझ-बूझ और प्रखर सामाजिक चेतना से ओतप्रोत कि वाम राजनीति की विचारधाराओं के घटाटोप आकाश के स्पष्ट दिशा-संकेत देता है।

संथालों के जागुला गाँव में द्वैपायन सरकार का आगमन एक ऐसी थीसिस लिखने के लिए होता है, जिसका उद्देश्य संथालों की ताक़त और उनकी एकता को छिन्न-भिन्न करना है। वाम राजनीति के दक्षिणी छोर के स्थायी निवासी द्वैपायन सरकार किन्हीं अदृश्य शक्तियों से चालित होकर अक्सर इसी तरह के विषयों के अनुसन्धानकर्ता के रूप में प्रख्यात हैं, किन्तु अब उन्हें पहचान लिया गया है।

युवा इन्द्र प्रामाणिक कलकत्ता के यूनियन फ़्रंट पर बड़े नेताओं के बदलते तेवर देखकर ईमानदारी से गाँव में काम करने के लिए आया है, किन्तु नवीन बाबू और मोती बाबू जैसे सजे-धजे काडरों का उसे नक्सल सिद्ध करने में कौन-सा मक़सद है?

ईमानदार काडर और बेईमान काडर तथा छुटभैये कॉमरेडों के इस संघर्ष में संथालों को अपना विश्वसनीय पक्ष ढूँढ़ने में कोई कठिनाई नहीं होती।

यह उपन्यास पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा खेतिहर भूमि के बँटवारे के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन बर्गा’ के लाभों से वंचित आदिवासी जातियों की संघर्ष-गाथा है। न्याय की लड़ाई का प्रामाणिक दस्तावेज़ है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1981
Edition Year 2019, Ed. 6th
Pages 115p
Price ₹395.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Aklant Kaurav-Hard Back
Your Rating
Mahashweta Devi

Author: Mahashweta Devi

महाश्वेता देवी

जन्म : 1926; ढाका।

पिता श्री मनीष घटक सुप्रसिद्ध लेखक थे।

शिक्षा : प्रारम्भिक पढ़ाई शान्तिनिकेतन में, फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.।

अर्से तक अंग्रेज़ी का अध्यापन।

कृतियाँ अनेक भाषाओं में अनूदित।

हिन्दी में अनूदित कृतियाँ : ‘चोट्टि मुण्डा और उसका तीर’, ‘जंगल के दावेदार’, ‘अग्निगर्भ’, ‘अक्लांत कौरव’, ‘1084वें की माँ’, ‘श्री श्रीगणेश महिमा’, ‘टेरोडैक्टिल’, ‘दौलति’, ‘ग्राम बांग्ला’, ‘शाल-गिरह की पुकार पर’, ‘भूख’, ‘झाँसी की रानी’, ‘आंधारमानिक’, ‘उन्तीसवीं धारा का आरोपी’, ‘मातृछवि’, ‘सच-झूठ’, ‘अमृत संचय’, ‘जली थी अग्निशिखा’, ‘भटकाव’, ‘नीलछवि’, ‘कवि वन्द्यघटी गाईं का जीवन और मृत्यु’, ‘बनिया-बहू’, ‘नटी’ (उपन्यास); ‘पचास कहानियाँ’, ‘कृष्ण द्वादशी’, ‘घहराती घटाएँ’, ‘ईंट के ऊपर ईंट’, ‘मूर्ति’ (कहानी-संग्रह); ‘भारत में बँधुआ मज़दूर’ (विमर्श)।

सम्मान : ‘जंगल के दावेदार’ पुस्तक पर ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’। ‘मैगसेसे अवार्ड’ तथा ‘ज्ञानपीठ  पुरस्कार’ से सम्मानित।

निधन : 28 जुलाई, 2016 (कोलकाता)।

 

Read More
Books by this Author
Back to Top