Afghanistan Se Khat-O-Kitabat

Author: Rakesh Tiwari
Edition: 2021, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Sarthak (An imprint of Rajkamal Prakashan)
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Afghanistan Se Khat-O-Kitabat
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अफ़ग़ानिस्तान की जो तस्वीरें इधर दशकों से हमारे ज़ेहन में आ-आ कर जमा होती रही हैं, ख़ून, बारूद, खँडहरों और अभी हाल में जहाज़ों पर लटक-लटक कर गिरते लोगों की उन तमाम तस्वीरों का मुक़ाबला अकेला काबुलीवाला करता रहा है, जो हमारी स्मृति की तहों में आज भी अपने ऊँचे कंधों पर मेवों का थैला लटकाए टहलता रहता है।

यह किताब उसी काबुलीवाले के देश की यात्रा है जिसे लेखक ने 1977 के दौरान अंजाम दिया था। तेईस साल की उम्र में बहुत कम संसाधनों और गहरे लगाव के साथ लेखक ने पैदल और बसों में घूम-घाम कर जो यादें इकट्ठा की थीं, इस किताब में उन्हें, तमाम ऐतिहासिक-भौगोलिक जानकारियों, तथ्यों के साथ सँजो दिया है। आज की पृष्ठभूमि में इसे पढ़ना एक अलग तरह का सुकून देता है, और इसे पढ़ना यह जानने के लिए ज़रूरी है कि बीती चार दहाइयों ने दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत जगहों में एक, अनेक धर्मों की भूमि रहे उस देश से क्या-क्या छीन लिया है।

विश्व की बड़ी सैन्य ताक़तों के ख़ूनी खेल का मोहरा बनने से पहले का यह अफ़ग़ानिस्तान-वर्णन बर्फ़ीली घाटियों, पहाड़ों के बीच मोटे गुदगुदे गर्म कपड़ों में गुनगुनी चाय का प्याला हाथों में दबाए, राजकपूर की फ़िल्मों के गाने सुनने का-सा अहसास जगाता है।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2021
Edition Year 2021, Ed. 1st
Pages 208p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Sarthak (An imprint of Rajkamal Prakashan)
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Rakesh Tiwari

Author: Rakesh Tiwari

राकेश तिवारी

राकेश तिवारी का जन्म 2 अक्टूबर, 1953 को सीतापुर ज़ि‍ले के बिसवाँ गाँव में हुआ। वैसे ये मूल निवासी उत्तर-प्रदेश के बस्ती ज़िला के हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विषय में स्नातकोत्तर के बाद मिर्जापुर के चित्रित शैलाश्रयों पर अवध विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की। लगभग चार दशक तक देश के विभिन्न भागों में पुरातात्त्विक सर्वेक्षण एवं उत्खनन तथा गंगा-घाटी को दक्षिण भारत से जोडऩेवाले प्राचीन ‘दक्षिणा-पथ’ की यात्रा एवं गहन अध्ययन का अनुभव। तद्विषयक दो सौ से अधिक शोध-पत्र, रिपोर्ट आदि प्रकाशित। महानिदेशक, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के पद से सेवानिवृत्त। घूमने और लिखने में सहज रुचि। कई देशों की यात्राएँ।

प्रकाशन : लखनऊ से काठमांडू तक साइकिल से यात्रा पर आधारित यात्रा-वृत्तांत ‘पहियों के इर्द-गिर्द’; दिल्ली से कलकत्ता तक की नौका-यात्रा पर आधारित यात्रा-वृत्तांत ‘सफ़र एक डोंगी में डगमग’; उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भू-भाग के सर्वेक्षण एवं सैर पर आधारित संस्मरण ‘पवन ऐसा डोलै’ तथा समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं में लेखन।

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