Safar Ek Dongi Main Dagmag

Author: Rakesh Tiwari
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Safar Ek Dongi Main Dagmag
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‘सफ़र एक डोंगी में डगमग' यात्रा-वृत्तान्त के तौर पर जितनी रोमांचक है उतना ही मज़बूत इसका ऐतिहासिक और भौगोलिक पक्ष भी है।

डगमग डोंगी के साथ चलते हुए लेखक घाट-घाट के ऐतिहासिक महत्त्व के पर्दों को हमारे सामने इस तरह खोलता जाता है, जैसे कोई पुरातत्त्वविद् खुदाई कर इतिहास को हमारे सामने ला खड़ा कर देता है। यह पुस्तक उत्तर-पूर्वी भारत की बदलती भौगोलिक संरचना, संस्कृति और बोलियों को समझने में एक विशिष्ट दस्तावेज़ की तरह भी काम करती है।

दिल्ली की ‘ओखला हेड' जैसी छोटी नहर से यात्रा शुरू कर जल्द ही यमुना में हिलोरें मारती डोंगी मथुरा, आगरा, इलाहाबाद, बनारस, कानपुर और पटना होती हुई अन्ततः कोलकाता की हुगली नदी में जाकर रुकती है। लेखक को यह यात्रा पूरी करने में जहाँ बासठ दिन लगते हैं, वहीं किताब लिखने में तीस साल।

लेखक के साथ डोंगी भी अपना इतिहास लिखती हुई चलती है। इसमें नदियाँ जीते-जागते किरदारों की तरह हैं, जो कूद-कूदकर पंक्तिबद्ध आती हैं, अठखेलियाँ करती हैं और अपना नाम दर्ज कराती हुई खो जाती हैं।

'सफ़र एक डोंगी में डगमग' रोमांच, बेचैनी, उकताहट, संघर्ष, जिजीविषा, दोस्ती और ढेरों किस्सों में बँधी किताब है जो आख़िरी पन्नों तक पाठकों को बाँधे रहती है।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Edition Year 2014
Pages 204p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
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Rakesh Tiwari

Author: Rakesh Tiwari

राकेश तिवारी

राकेश तिवारी का जन्म 2 अक्टूबर, 1953 को सीतापुर ज़ि‍ले के बिसवाँ गाँव में हुआ। वैसे ये मूल निवासी उत्तर-प्रदेश के बस्ती ज़िला के हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विषय में स्नातकोत्तर के बाद मिर्जापुर के चित्रित शैलाश्रयों पर अवध विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की। लगभग चार दशक तक देश के विभिन्न भागों में पुरातात्त्विक सर्वेक्षण एवं उत्खनन तथा गंगा-घाटी को दक्षिण भारत से जोडऩेवाले प्राचीन ‘दक्षिणा-पथ’ की यात्रा एवं गहन अध्ययन का अनुभव। तद्विषयक दो सौ से अधिक शोध-पत्र, रिपोर्ट आदि प्रकाशित। महानिदेशक, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के पद से सेवानिवृत्त। घूमने और लिखने में सहज रुचि। कई देशों की यात्राएँ।

प्रकाशन : लखनऊ से काठमांडू तक साइकिल से यात्रा पर आधारित यात्रा-वृत्तांत ‘पहियों के इर्द-गिर्द’; दिल्ली से कलकत्ता तक की नौका-यात्रा पर आधारित यात्रा-वृत्तांत ‘सफ़र एक डोंगी में डगमग’; उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भू-भाग के सर्वेक्षण एवं सैर पर आधारित संस्मरण ‘पवन ऐसा डोलै’ तथा समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं में लेखन।

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