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Uske Hisse Ki Dhoop-E-Book

Author: Mridula Garg
Edition: 2022, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹149.25 Regular Price ₹199.00
25% Off
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9788126720873-ebook

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परम्परागत भारतीय समाज में स्त्री-पुरुष सम्बन्धों के बीच मानवीय स्वतंत्रता, ख़ासकर नारी-स्वातंत्र्य का सवाल सदा ही अनदेखा किया जाता रहा है, और मृदुला गर्ग का यह उपन्यास परम्परागत ही नहीं, बल्कि आधुनिकता के घिसे-पिटे वैचारिक चौखटे से भी बाहर निकलकर यह सवाल उठाता है कि स्त्री-पुरुष सम्बन्धों का आधार क्या है—प्रेम अथवा स्वतंत्रता? और क्या इन सम्बन्धों का सत्य सिर्फ़ मनोगत है अथवा इनके समानान्तर कोई दैहिक सच्चाई भी है?

देखा जाए तो मृदुला गर्ग का यह बहुचर्चित उपन्यास एक त्रिकोणात्मक प्रेम-कथा है, लेकिन प्रेम इसकी समस्या नहीं है—समस्या है स्वतंत्रता, जो स्त्री-पुरुष दोनों के लिए समान रूप से मूल्यवान है। प्रेम अगर व्यक्ति की स्वतंत्रता और उसके वैयक्तिक विकास को बाधित करता है तो वह अस्वस्थ है। लेखिका ने इस विचार को उस गहराई से चित्रित किया है जहाँ उसकी रागात्मकता पाठ को मुग्ध कर लेती है और प्रत्येक स्थिति पाठकीय संवेदना का अटूट हिस्सा बन जाती है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2019
Edition Year 2022, Ed. 2nd
Pages 136p
Price ₹199.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2
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Mridula Garg

Author: Mridula Garg

मृदुला गर्ग

मृदुला गर्ग के रचना-संसार में लगभग सभी गद्य विधाएँ सम्मिलित हैं। उपन्यास, कहानी, नाटक, निबन्ध, यात्रा-संस्मरण, कटाक्ष आदि।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘उसके हिस्से की धूप’, ‘वंशज’, ‘चित्तकोबरा’, ‘अनित्य’, ‘मैं और मैं’, ‘कठगुलाब’, ‘मिलजुल मन’ और ‘वसु का कुटुम’ (उपन्यास); कुल प्रकाशित कहानियाँ—90, जिनको लेकर 2003 तक प्रकाशित 8 कहानी-संग्रहों की सम्पूर्ण कहानियों की पुस्तक ‘संगति-विसंगति’ नाम से प्रकाशित; ‘एक और अजनबी’, ‘जादू का कालीन’, ‘साम दाम दण्ड भेद’, ‘क़ैद-दर-क़ैद’ (नाटक); ‘रंग-ढंग’, ‘चुकते नहीं सवाल’, ‘कृति और कृतिकार’ (निबन्ध-संग्रह); ‘मेरे साक्षात्कार’ (साक्षात्कार), ‘कुछ अटके कुछ भटके’ (यात्रा-संस्मरण); ‘कर लेंगे सब हज़म’, ‘खेद नहीं है’ (व्यंग्य-संग्रह)।

अनूदित कृतियाँ : ‘चित्तकोबरा’  ‘द जि‍फ़्लेक्टे कोबरा’ नाम से जर्मन में तथा ‘चित्तकोबरा’ नाम से अॅंग्रेज़ी में प्रकाशित। रूसी में ‘कोबरा मोएगो रज़ूमा’ नाम से अनूदित। ‘कठगुलाब’ ‘कन्ट्री ऑफ़ गुड्बाइज़’ नाम से अंग्रेज़ी में, ‘कठगुलाब’ शीर्षक से मराठी और मलयालम में और ‘वुडरोज़’ नाम से जापानी में प्रकाशित। ‘अनित्य’ ‘अनित्य हाफ़वे टु नोवेह्यर’ नाम से अंग्रेज़ी में और ‘अनित्य’ नाम से मराठी में प्रकाशित। अनेक कहानियाँ अंग्रेज़ी, जर्मन, चेक, जापानी व भारतीय भाषाओं में अनूदित। ‘मिलजुल मन’ उर्दू, पंजाबी, राजस्थानी, तमिल और तेलुगू में अनूदित। ‘मैं और मैं’ मराठी में अनूदित।

पुरस्कार/सम्मान : अनेक पुरस्कारों के साथ ‘कठगुलाब’ को ‘व्यास सम्मान’, ‘मिलजुल मन’ को ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘उसके हिस्से की धूप’ को मध्य प्रदेश का ‘अखिल भारतीय वीरसिंह सम्मान’, ‘जादू का कालीन’ को मध्य प्रदेश का ही ‘अखिल भारतीय सेठ गोविन्द दास सम्मान’।

‘कठगुलाब’ दिल्ली विश्वविद्यालय के बी.ए. पाठ्यक्रम तथा कई विश्वविद्यालयों में स्त्री-रचना/विमर्श पाठ्यक्रमों में शामिल है।

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