Tootee Hui Bikharee Hui

Editor: Ashok Vajpeyi
Edition: 2004, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Tootee Hui Bikharee Hui

शमशेर के यहाँ कविता मनुष्य की सबसे अनश्वर रचना है : वह समयविद्ध होते हुए भी समयातीत है। न तो इतिहास के सबसे दयनीय शिकार तानाशाह कविता लिख सकते हैं और न ही विचारधारा की जुगाली करते गम्भीर उपदेष्टा ही। ऐतिहासिक राजनीति को परास्त करती हुई कविता भाषा की कालातीत राजनीति है। शमशेर कालातीत के कवि हैं, उनकी काँपती-सी आवाज़ हमारी दुनिया की ऐसी सिम्‍तें दिखाती है जिनके होने का पता जैसे पहली बार उससे ही चलता है पर जिन्हें जाने बिना हमारी दुनिया अधूरी और अधसमझी ही रह जाती। उनकी दुनिया टूटी हुई, बिखरी हुई है, पर अपनी सुन्दरता और अर्थमयता में मुकम्मल। उसमें टूटे-बिखरे हुए से ही अपनी सजग, पर सहज, संयमित, पर तनाव-भरी मानवीयता सहेजने और हम तक पहुँचने की संकोच और सन्देह-भरी चेष्टा है। उसमें होने का, हमारे समय में मनुष्य होने के आश्चर्य और रहस्य का अर्थ और विचार का अद्वितीय संगुम्फन है। उनकी दुनिया हमारी जानी-पहचानी दुनिया से रगड़ खाती दुनिया है, पर ऐसी संरचना भी, जिसे हम शमशेर के बनाए बिना कभी न देख पाते। लगभग आधी सदी से शमशेर अपने ही ढंग की कविता-जद पर, संकोच से, लेकिन अड़े रहे हैं। उन्होंने इस तरह जो जगह बनाई है, वह धड़कती और रौशन है। अलग, पर इतने पास अपने, वह इतिहास में है और सच्ची आत्मविश्वस्त कविता द्वारा किया गया इतिहास का अतिक्रमण भी।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 1990
Edition Year 2004, Ed. 2nd
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Ashok Vajpeyi
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14.5 X 1.5
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Shamsher Bahadur Singh

Author: Shamsher Bahadur Singh

शमशेर बहादुर सिंह

जन्म : 13 जनवरी, 1911; देहरादून (उ.प्र.)।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा देहरादून में। बाद की शिक्षा गोंडा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में। 1935-36 में उकील बन्धुओं से कला-प्रशिक्षण लिया।

साहित्यिक कार्यक्षेत्र : ‘रूपाभ’, इलाहाबाद में कार्यालय सहायक (1939); ‘कहानी’ में त्रिलोचन के साथ (1940); ‘नया साहित्य’, बम्बई में कम्यून में रहते हुए (1946); ‘माया’ में सहायक सम्पादक (1948-54); ‘नया पथ’ और ‘मनोहर कहानियाँ’ में सम्पादन-सहयोग। दिल्ली विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की एक महत्त्वपूर्ण परियोजना ‘उर्दू-हिन्दी कोश’ का सम्पादन (1965-77)। ‘प्रेमचन्द सृजनपीठ’, विक्रम विश्वविद्यालय (मध्य प्रदेश) के अध्यक्ष (1981-85)।

सन् 1978 में सोवियत संघ की यात्रा। विभिन्न भाषाओं में कविताओं के अनुवाद।

प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : ‘कुछ कविताएँ’ व ‘कुछ और कविताएँ’, ‘चुका भी हूँ नहीं मैं’, ‘इतने पास अपने’, ‘उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्ष’, ‘बात बोलेगी’, ‘काल तुझसे होड़ है मेरी’, ‘टूटी हुई बिखरी हुई’, ‘कहीं बहुत दूर से सुन रहा हूँ’ (कविता-संग्रह); ‘कुछ और गद्य रचनाएँ’ (निबन्ध)।

सम्मान : मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘तुलसी पुरस्कार’ (1977); ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ (1977); ‘मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार’; ‘कबीर सम्मान’ (1989)।

निधन : 12 मई, 1993

 

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