Tipoo Ka Afsana : Himmat-E-Marda

Author: Frank Huzur
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Tipoo Ka Afsana : Himmat-E-Marda
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इस किताब में उत्तर प्रदेश के युवा, सुचर्चित, सुस्वीकृत, सजग और सफल मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव तथा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री मुलायम सिंह यादव के बेटे, टीपू के राजनीतिक जीवन पर बने कार्टून इकट्ठे किए गए हैं। वे कार्टून जो ख़ुद अखिलेश यानी टीपू को भी उतने ही प्यारे हैं जितने देश के लाखों-लाख पाठकों को। या हो सकता है उनसे भी ज़्यादा, क्योंकि संस्कृति-साहित्य और रचनात्मकता से ख़ास लगाव रखनेवाला यह युवा समाजवादी कार्टून विधा में कुछ ज़्यादा ही रस लेता है। कार्टूनकार ने अपनी रेखाएँ उनके ख़िलाफ़ उकेरी हों तो भी अखिलेश उसके रचनात्मक आयाम को नज़रअन्दाज़ नहीं करते और अच्छे कार्टूनों को अपने फ़ोन में सहेजकर रखते हैं। यह नेता के रूप में उनकी वयस्कता और सोच के खुलेपन की निशानी है और समाजवादी सहिष्णुता की एक अनुकरणीय मिसाल। इन कार्टूनों में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल की खट्टी-मीठी झलकियाँ भी मिलेंगी और श्रेष्ठ कार्टून कला के संग्रहणीय नमूने भी जिन्हें आप भी अपने पास सँजोकर रखना चाहेंगे।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed. 1st
Pages 72p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 24.5 X 24.5 X 1
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Frank Huzur

Author: Frank Huzur

फ्रैंक हुज़ूर

सेंट जेवियर कॉलेज, राँची में अंग्रेज़ी लिटरेचर में दाख़िला—पोएट्री लेकर। दिल्ली यूनिवर्सिटी में नए शगल ड्रामा और जर्नलिज़्म से जुड़े। उन्नीसवें बरस में अंग्रेज़ी मैगजीन ‘यूटोपिया’ की एडिटरी। पहला ही ड्रामा ‘हिटलर इन लव विद मडोना’ विवादस्पद रहा। हिन्दू कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स का पाठ पढ़कर दो-चार बरस जर्नलिज़्म। फिर रुख़ पाकिस्तान की ओर। प्रख्यात क्रिकेटर और सियासतदाँ इमरान ख़ाँ नियाजी की बहुचर्चित बायोग्राफ़ी ‘इमरान वर्सेज इमरान : एन अनटोल्ड स्टोरी' लिखी। आजकल धुरन्धर समाजवादी मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक वृत्तान्त ‘द सोशलिस्ट’ पर कार्यरत। साथ-ही-साथ भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जीवनगाथा ‘टीपू स्टोरी’ भी लिख रहे हैं। लेखक ‘सोशलिस्ट फ़ैक्टर’ मासिक अंग्रेज़ी पत्रिका के एडिटर भी हैं। लन्दन, लाहौर, मुम्बई, दिल्ली और लखनऊ के बीच आवाजाही। यह है एक ‘लिटरेरी जिप्सी’ के कुल 40 बरस का मोटा जमा-ख़र्च।

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