Ticket-Sangrah

Author: Karel Čapek
Translator: Nirmal Verma
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Ticket-Sangrah
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‘टिकट-संग्रह’ में एक जगह कारेल चापेक कहते हैं, ‘किसी चीज़ को खोजना और पाना, मेरे ख़याल में ज़िन्दगी में इससे बड़ा सुख और रोमांच कोई दूसरा नहीं। हर आदमी को कोई-न-कोई चीज़ खोजनी चाहिए। अगर टिकट नहीं तो सत्य या पंख या नुकीले विलक्षण पत्थर।’ वस्तुत: वे अपनी तमाम कहानियों में व्यक्ति के ‘निजी सत्य’ को खोजने के लिए संघर्षरत नज़र आते हैं—एक भेद, एक रहस्य, एक मर्म जो ज़िन्दगी की औसत और क्षुद्र घटनाओं के नीचे दबा रहता है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Nirmal Verma
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
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Karel Čapek

Author: Karel Čapek

कारेल चापेक

कारेल चापेक (1890-1938) का जन्म तत्कालीन ऑस्ट्रिया-हंगरी के बोडेनिया में हुआ था। उपन्यास, कहानी और नाटक लेखन के अलावा उन्होंने ‘पर्सनल निबन्ध’ और यात्रा-संस्मरण जैसी विधाओं में भी दिलचस्प प्रयोग किए। जिस उदारवादी परम्परा के मूल्यों में चापेक का गहरा विश्वास था, उसी में युद्ध, फ़ासिज़्म और घृणा के विस्फोटक तत्त्वों को उन्होंने महसूस किया। ‘सैलामेंडर्स के साथ युद्ध’ (उपन्यास), ‘सफ़ेद बीमारी’ और ‘माँ’ (नाटक) जैसी कृतियाँ उनके इस मोहभंग की पीड़ा को व्यक्त करती हैं।

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