Ramana Pito

Author: Hiralal Shukla
Translator: Peelasay Pattavi
As low as ₹340.00 Regular Price ₹400.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Ramana Pito
- +

गोंडी बोली में रामकथासार की प्रस्तुति रचनात्मक अभाव को दूर करने की एक बड़ी कोशिश
तो है ही, नई शुरुआत करने की एक दूरदृष्टि भी है। गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानसएक ऐसी कृति है, जिसका दो-तिहाई से अधिक अंश वनभूमि और वनजनों से सम्बद्ध है और आदिवासियों के जीवन-जगत में आज भी शामिल है, जिससे ये अपना सम्बन्ध पुरातन मानते हैं, इसलिए अभिन्न जुड़ाव रखते हैं।
गोंडी बोली की इस रामकथा में आदिवासी समुदाय अपने जीवन, समाज, संस्कृति और सामूहिक संघर्ष-चेतना की
भी कथा देखता, जीता है। यह पुस्तक रामकथा के बहाने जनजातियों की तरफ़ से उनकी विरासत का परिचय
और उनके अपने अस्तित्व की गाथा भी प्रस्तुत करती है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2014
Edition Year 2020, Ed. 2nd
Pages 116p
Translator Peelasay Pattavi
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Ramana Pito
Your Rating

Author: Hiralal Shukla

हीरालाल शुक्ल

शिक्षा : एम.ए. (संस्‍कृत), एम.ए. (भाषाविज्ञान), दर्शनशास्‍त्री, पीएच.डी. (संस्‍कृत)।

कार्य : भाषाविज्ञान विभाग, रविशंकर विश्‍वविद्यालय, रायपुर में प्राध्‍यापक।

Read More
Books by this Author
Back to Top