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Paraspar : Bhasha-Sahitya-Andolan-E-Book

Edition: 2018, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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9788126730872-ebook

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“हिन्दी भाषा का विमर्श और संघर्ष लम्बा है, लेकिन अभाग्यवश हमारा निपट वर्तमान पर आग्रह इतना इकहरा हो गया है कि उसकी परम्परा को भूल जाते हैं। एक युवा चिन्तनशील आलोचक ने विस्तार से इस विमर्श और संघर्ष के कई पहलू उजागर करने की कोशिश की है और कई विवादों का विवरण भी सटीक ढंग से दिया है। हम इस प्रयत्न को बहुत प्रासंगिक मानते हैं और इसलिए इस पुस्तक माला में सहर्ष प्रस्तुत करते हैं।”

—अशोक वाजपेयी

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 208p
Price -₹1,401.59
Publisher Rajkamal Prakashan
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Rajeev Ranjan Giri

Author: Rajeev Ranjan Giri

राजीव रंजन गिरि

बिहार के एक गाँव भादा (पूर्वी चम्पारण) में 19 दिसम्बर, 1978 को जन्म। शुरुआती शिक्षा गाँव में। जेएनयू नई दिल्ली से हिन्दी साहित्य में एम.ए. एवं एम.फिल्.। एम.ए. में सर्वोच्च स्थान। दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएच. डी.।

‘तद्भव’, ‘आलोचना’, ‘प्रतिमान’, ‘वाक्’, ‘वागर्थ’, ‘हंस’, ‘अकार’ इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में आलोचनात्मक निबन्ध व अनुवाद प्रकाशित। कुछेक निबन्ध संस्कृत, उर्दू, ओड़िया, अंग्रेज़ी और जर्मन में अनूदित। ‘संवेद’ के पचास से अधिक अंकों का सह-सम्पादन। ‘वर्तमान सन्दर्भ’ के ‘स्त्री मुक्ति : यथार्थ और यूटोपिया' विशेषांक का अतिथि सम्पादन। गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, राजघाट, नई दिल्ली के हिन्दी-अंग्रेज़ी जर्नल ‘अनासक्ति दर्शन’ के ‘भूदान विशेषांक' का सम्पादन। तीन वर्षों तक साहित्यिक मासिक पत्रिका ‘पाखी’ में ‘अदबी हयात' स्तम्भ-लेखन। गांधी दर्शन की मासिक पत्रिका ‘अन्तिम जन’ का तीन वर्षों तक सम्पादन। ‘अभिधा’ व ‘स्त्री काल’ के सम्पादन से सम्बद्ध। नेशनल बुक ट्रस्ट की पत्रिका ‘पुस्तक संस्कृति’ के सलाहकार। आलोचनात्मक लेखन के लिए ‘विद्यापति सम्मान’।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘अथ-साहित्य : पाठ और प्रसंग’, ‘संविधान सभा और भाषा-विमर्श’, ‘लघु पत्रिका आन्दोलन’, ‘सामन्ती ज़माने में भक्ति आन्दोलन’; ‘1857 : विरासत से जिरह’, ‘प्रेमचन्द : सम्पूर्ण बाल साहित्य’, ‘गांधीवाद रहे न रहे एवं पुरुषार्थ’, ‘त्याग और स्वराज’ सहित पाँच सम्पादित पुस्तकें। 

कुछेक साल सेंट स्टीफ़ेंस कॉलेज, दिल्ली में अध्यापन के बाद फ़िलहाल राजधानी कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) नई दिल्ली में अध्यापन।

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