Meri Vichar Yatra (Dalit-Muslim:Saman Samasyayen Saman Dharatal)

Author: Ramvilas Paswan
Edition: 2011, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
15% Off
Out of stock
SKU
Meri Vichar Yatra (Dalit-Muslim:Saman Samasyayen Saman Dharata-1

यह रामविलास पासवान के वैचारिक लेखों की दूसरी पुस्तक है। इस पुस्तक में 63 लेख संकलित हैं, जिन्हें अपने आक्रामक तेवर के लिए भी जाना जाता है। ये लेख देश की ज्वलन्त समस्याओं पर रोशनी डालते हैं। ये आलेख यह भी बताते हैं कि सामाजिक न्याय ही देश की खुशहाली का एकमात्र विकल्प है। छह अध्यायों में विभाजित इस पुस्तक का प्रथम अध्याय जहां दलित-मुस्लिम एकता से सम्बन्धित विषयों पर प्रकाश डालता है, वहीं दूसरा अध्याय बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कश्मीर आदि से सम्बन्धित समस्याओं की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित करता है। तीसरे अध्याय में रामविलास जी ने संवैधानिक मुद्दों को बेबाकी से रेखांकित किया है। इन लेखों को अपने सरोकारों और चिन्तनपरकता के कारण नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता, खासकर दलितों में क्रीमी लेयर: किस बात की बहस' तथा 'भारतीय न्यायिक सेवा का गठन जरूरी है। जैसे लेख ।अध्याय चार और पांच आतंकवाद और परमाणु नीति को लेकर हैं, जिनमें रामविलास जी ने प्रभावशाली ढंग से सटीक तर्कों के साथ अपने विचार प्रस्तुत किये हैं। अन्तिम अध्याय विदेश नीति और अन्तर्राष्ट्रीय गतिविधियों से जुड़ा है। इस अध्याय को पढ़कर रामविलास जी के व्यक्तित्व के एक नये पहलू का पता चलता है। विश्व की घटनाओं पर उनकी पैनी नजर हमेशा रही है। गोर्बाचोव के बाद रूस, भारत-पाक वार्ता, अफगानिस्तान, इराक, अमेरिका और उसके नये राष्ट्रपति बराक ओबामा, नेपाल तथा सद्दाम से जुड़े लेख उनके से राजनीतिक व्यक्तित्व को कई नए आयाम देते हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2011, Ed. 2nd
Pages 279p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 24.5 X 16 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Meri Vichar Yatra (Dalit-Muslim:Saman Samasyayen Saman Dharatal)
Your Rating
Ramvilas Paswan

Author: Ramvilas Paswan

रामविलास पासवान

जन्म : 5 जुलाई, 1946 को ज़िला मुंगेर (बिहार) के अलौली प्रखंड के एक गाँव शहरबन्नी में।

शिक्षा : गाँव से पाँच किलोमीटर दूर जगमोहरा के प्राइमरी स्कूल में पाँचवीं तक, फिर गाँव के दक्षिण बघौना में मिडिल स्कूल तक की पढ़ाई पूरी की। खगड़िया में हाईस्कूल में दाख़िला लिया, और वहीं से कोसी कॉलेज में प्रवेश।

कॉलेज में ही राजनीतिक गतिविधियों के सम्पर्क में आए। पोस्ट ग्रेजुएशन करने जब पटना पहुँचे, तब उस समय चल रहे नक्सल आन्दोलन से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। लेकिन समय और अनुभव ने विचारधारा में एक नया मोड़ दिया, फलस्वरूप 1967 में ‘प्रजा सोशलिस्ट पार्टी’ से चुनाव लड़ रहे अपने मामा लक्ष्मी हजारी के चुनाव-प्रचार में बढ़-चढ़कर अपनी सक्रियता दिखाई। दो वर्षों के बाद ही 1969 में अलौली से विधानसभा चुनाव लड़े और जीत गए। लेकिन इसके बावजूद संसदीय लोकतंत्र में सही अर्थों में उनका विश्वास जेपी आन्दोलन से जुड़ने के बाद ही हुआ। लोहिया जी से तो वह पहले से ही प्रभावित थे, लेकिन इस आन्दोलन के ज़रिये जेपी सहित कई वरिष्ठ समाजवादी नेताओं के सम्पर्क में आए। जेपी की वजह से 1977 में लोकसभा का टिकट मिला, और इस तरह आप लोकसभा में पहली बार पहुँचे और ताज़िन्दगी सम्माननीय सांसद रहे।

‘लोक जनशक्ति पार्टी’ के अध्यक्ष रहे रामविलास पासवान कई मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी निभाई। पहले श्रम और सामाजिक कल्याण मंत्रालय, फिर रेल मंत्रालय, संचार मंत्रालय, कोयला और खाद मंत्रालय, इस्पात, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय आदि।

सामाजिक गतिविधियाँ : युवाओं का काडर ‘दलित सेना’ का संचालन तथा ‘दलित सेना’ को निरन्तर वैचारिक ऊर्जा देने के लिए मासिक पत्रिका ‘न्याय चक्र’ का सम्पादन भी किया।

निधन : 8 अक्टूबर, 2020

Read More
New Releases
Back to Top