Kissa Pritam Pandey Ka-Paper Back

Author: Dhirendra Verma
Special Price ₹265.50 Regular Price ₹295.00
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ISBN:9789389598407
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‘क़िस्सा प्रीतम पांडे का’ धीरेन्द्र वर्मा का एक बहुचर्चित उपन्यास है। विगत सदी में प्रकाशित यह व्यंग्यात्मक कृति अपने समय, समाज की विसंगतियों एवं आधुनिक जीवन में घुस आई स्वार्थपरता का यथार्थ चित्रण करती है। राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक एवं शैक्षणि‍क क्षेत्र में व्याप्त अवसरवादिता, अन्धप्रतियोगिता और ऊँचा दिखने की होड़ पर लेखक ने करारी चोट की है।

इस उपन्यास का कथानायक प्रीतम पांडे मानवीय मूल्यों—अर्थात् निष्ठा, परिश्रम, ईमानदारी आदि—के स्थान पर छल, कपट, हरामख़ोरी, धूर्तता जैसे नए जीवन-मूल्यों के बल पर न केवल सफल है, अपितु एकमात्र विजेता भी है। आधुनिकता के नाम पर सारहीन कला की मुक्तकंठ से प्रशंसा पुरस्कारवादी संस्कृति का भंडाफोड़ करती है। यही कारण है कि प्रीतम पांडे आँख मीचकर बनाई गई पेंटिंग्स को मॉडर्न आर्ट के नाम से प्रदर्शित करके सर्वाधिक सम्मानित आर्टिस्ट का ख़िताब भी हासिल कर लेता है। वस्तुत: तीखी व्यंग्यात्मक शैली और सरल-संक्षिप्त संवादों द्वारा धीरेन्द्र वर्मा की यह कृति सफलता के आधुनिक सूत्रों की बखिया उधेड़ने में कहीं कोई चूक नहीं करती है।

अपने प्रवाह में बहा ले जानेवाली भाषा इस उपन्यास की बहुत सारी विशेषताओं में से एक है जिसका एक अलग ही आकर्षण है। निस्सन्देह, अपनी ज़मीन पर जीवन्तता में एक विलक्षण कृति है ‘क़िस्सा प्रीतम पांडे का’।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 1990
Edition Year 2020, Ed. 2nd
Pages 87p
Price ₹295.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 17.5 X 11 X 0.5
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Dhirendra Verma

Author: Dhirendra Verma

धीरेन्द्र वर्मा 

जन्म : 27 दिसम्बर, 1936; इलाहाबाद।

शिक्षा : हिन्दी, अंग्रेजी और राजनीतिशास्त्र लेकर बी.ए., लखनऊ विश्वविद्यालय; राजनीतिशास्त्र में एम.ए., लखनऊ विश्वविद्यालय।

प्रकाशन : पिछले 50 वर्षों से साहित्य से सम्बद्ध, ‘किस्सा प्रीतम पांडे का’ पहला उपन्यास सत्तर के दशक में प्रकाशित हुआ जो हास्य व्यंग्य का एक सशक्त हस्ताक्षर बना।

तदुपरान्त हिन्दी में ‘नयी दिशा’ समेत सात उपन्यास एवं एक कहानी-संग्रह प्रकाशित, हिन्दी की सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में कहानियाँ एवं लेख प्रकाशित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के लिए स्वतंत्र लेखन। ‘भगवतीचरण वर्मा रचनावली’ का सम्पादन।

कान्यकुब्ज डिग्री कॉलेज, लखनऊ में राजनीतिशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त।

सम्पर्क : चित्रलेखा, महानगर, लखनऊ।

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