Facebook Pixel

Kahani Ki Arthanveshi Alochana-E-Book

Edition: 2023, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
Special Price ₹446.25 Regular Price ₹595.00
25% Off
In stock
SKU
9789390625543-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2021
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 174p
Price ₹595.00
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Kahani Ki Arthanveshi Alochana-E-Book
Your Rating
Pandeya Shashibhushan 'Shitanshu'

Author: Pandeya Shashibhushan 'Shitanshu'

पाण्डेय शशिभूषण 'शीतांशु’

 

जन्म : 13 मई, 1941

शिक्षा : पीएच. डी. (हिन्दी), डी. लिट्. (भाषा-विज्ञान), स्नातकोत्तर डिप्लोमा (अनुवाद)।

गतिविधियाँ : हिन्दी में वादमुक्त आलोचना के शिखर-पुरुष तथा सुप्रतिष्ठ सैद्धान्तिक और सर्जनात्मक आलोचक। जितनी व्यापकता और गहनता में प्रतिमानों की दृष्टि से भारतीय एवं पाश्चात्य आलोचना-सिद्धान्तों की शक्ति-सीमा पर मौलिक चिन्तन-मनन किया, उतनी ही सूक्ष्मता और प्रातिभ अन्तर्दृष्टि से हिन्दी में पहली बार कुछ प्रसिद्ध साहित्य-पाठों (कविताओं, उपन्यासों, कहानियों और नाटकों) की सार्थकता और साभिप्रायता का तलोन्मेषी उद्घाटन भी किया है।

ये एक निर्भीक प्रत्यालोचक भी हैं। इन्होंने पन्त, दिनकर, मुक्तिबोध, रामविलास शर्मा, नामवर सिंह आदि शीर्ष साहित्यकारों द्वारा स्थापित-प्रचारित प्रत्येक भ्रान्त मतवाद का युक्तियुक्त निरसन एवं निर्मूलन किया है। साथ ही अपना प्रमाणपुष्ट प्रतिपादन भी प्रस्तुत किया है।

साहित्य-सेवा : 40 पुस्तकें तथा 350 से अधिक शोधालेख प्रकाशित।

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर से अवकाश-प्राप्त (1977-2001) प्रोफ़ेसर। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (अक्तूबर 1988), महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा (जनवरी 2005-दिसम्बर 2007) तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद (फरवरी एवं नवम्बर 2009) में विजिटिंग प्रोफ़ेसर रहे। भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्‍ध परिषद्, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा 1991 में त्रिनिदाद एवं 1995 में पेइचिंग विश्वविद्यालय के लिए विजिटिंग प्रोफ़ेसर नियुक्त।  महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा से प्रकाशित ‘तुलनात्मक साहित्य विश्वकोश’ (2008) का प्रविष्टि-लेखन करवाया एवं अतिथि-सम्पादन किया।

उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 2020 के ‘भारत भारती सम्मान’ से सम्मानित।

 

Read More
New Releases
Back to Top