Facebook Pixel

Kabhi Nahin Socha Tha-E-Book

Author: Surjeet Patar
Translator: Chaman Lal
Editor: Chaman Lal
ISBN: 9789360860455
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹187.50 Regular Price ₹250.00
25% Off
In stock
SKU
9789360860455-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Chaman Lal
Editor Chaman Lal
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 175p
Price ₹250.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Kabhi Nahin Socha Tha-E-Book
Your Rating

Author: Surjeet Patar

सुरजीत पातर
सुरजीत पातर का जन्म पत्तड़ कलाँ, कपूरथला, पंजाब में 14 जनवरी, 1946 को हुआ। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से पंजाबी साहित्य में एम.ए. करने के बाद वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के भाषा-साहित्य-संस्कृति एवं पत्रकारिता विभाग में प्रवक्ता नियुक्त हुए। वहाँ लम्बे समय तक अध्यापन किया। शुरू में उनकी कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं। 1973 में पहली बार पंजाबी के तीन युवा रचनाकारों ने अपना सम्मिलित लेखन पुस्तक रूप में प्रकाशित किया ‘कोलाज किताब’ शीर्षक से, जिनमें एक सुरजीत पातर थे। पातर का पहला स्वतंत्र संग्रह ‘हवा विच लिखे हर्फ़’, जिसमें केवल ग़ज़लें शामिल थीं, 1979 में उस समय प्रकाशित हुआ जब उनकी उम्र 33 वर्ष थी। 1986 में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने एक पुस्तिका प्रकाशित की—‘सूरज दा हमसफर’, जिसमें पातर की चुनिंदा दस ग़ज़लें और सात कविताएँ शामिल थीं। फिर एक लम्बे अन्तराल के बाद 1992 में उनकी अधिकांश काव्य-रचनाएँ दो संग्रहों में एक साथ प्रकाशित हुईं—‘बिरख अर्ज़ करे’ और ‘हनेरे विच सुलगदी वर्णमाला’। इनमें से दूसरे संग्रह पर पातर को 1993 का ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। 2012 में उन्हें ‘पद्मश्री’ से अलंकृत किया गया।
11 मई, 2014 को लुधियाना, पंजाब में उनका निधन हुआ।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top