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Surjeet Patar

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सुरजीत पातर
सुरजीत पातर का जन्म पत्तड़ कलाँ, कपूरथला, पंजाब में 14 जनवरी, 1946 को हुआ। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से पंजाबी साहित्य में एम.ए. करने के बाद वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के भाषा-साहित्य-संस्कृति एवं पत्रकारिता विभाग में प्रवक्ता नियुक्त हुए। वहाँ लम्बे समय तक अध्यापन किया। शुरू में उनकी कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं। 1973 में पहली बार पंजाबी के तीन युवा रचनाकारों ने अपना सम्मिलित लेखन पुस्तक रूप में प्रकाशित किया ‘कोलाज किताब’ शीर्षक से, जिनमें एक सुरजीत पातर थे। पातर का पहला स्वतंत्र संग्रह ‘हवा विच लिखे हर्फ़’, जिसमें केवल ग़ज़लें शामिल थीं, 1979 में उस समय प्रकाशित हुआ जब उनकी उम्र 33 वर्ष थी। 1986 में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने एक पुस्तिका प्रकाशित की—‘सूरज दा हमसफर’, जिसमें पातर की चुनिंदा दस ग़ज़लें और सात कविताएँ शामिल थीं। फिर एक लम्बे अन्तराल के बाद 1992 में उनकी अधिकांश काव्य-रचनाएँ दो संग्रहों में एक साथ प्रकाशित हुईं—‘बिरख अर्ज़ करे’ और ‘हनेरे विच सुलगदी वर्णमाला’। इनमें से दूसरे संग्रह पर पातर को 1993 का ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ प्राप्त हुआ। 2012 में उन्हें ‘पद्मश्री’ से अलंकृत किया गया।
11 मई, 2014 को लुधियाना, पंजाब में उनका निधन हुआ।

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