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Kaamnaon Ki Munder Par

Author: Geetashree
Edition: 2025, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Kaamnaon Ki Munder Par

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‘हंस’ में कहानी ‘अफ़सानाबाज़’ पढ़ी। दर्द को मन में पूरी तरह जज़्ब करके लिखी है यह कहानी जो कहानी नहीं, सच लगती रहती है बराबर। उनके पहाड़ जैसे सन्ताप के सामने हमारे अपने निजी दुख कितने छोटे नज़र आने लगते हैं। गीताश्री ने लिखी नहीं, कहानी जी है।

मृदुला गर्ग, कथाकार

गीताश्री की कहानियों में आधुनिक स्त्री की उन्मुक्त उड़ान है तो परम्पराओं में क़ैद नारी की यौनिक आज़ादी व स्वतंत्र अस्तित्व के लिए छटपटाहट भी। वे अपनी कहानियों में लोक कथाओं का बघार लगाना भी बख़ूबी जानती हैं। गीता की समस्या यह है कि वे साहित्य की मर्दवादी दुनिया में एक एनिग्मा की तरह देखी जाती हैं। जो भी हो, आप उनकी कहानियों की आलोचना कर सकते हैं, आप उनकी कहानियों की प्रशंसा कर सकते हैं किन्तु अप्रभावित नहीं रह सकते।

संजय सहाय, सम्पादक-कथाकार

गीताश्री हमारे समय की एक विशिष्ट रचनाकार हैं। पत्रकारिता के प्रशिक्षण ने उन्हें एक ऐसी सूक्ष्म दृष्टि प्रदान की है जो उनके थीम्स के चयन के मार्फ़त हमें चौंकाती है और एक नई दुनिया को बिना किसी मिलावट के हमारे सामने नग्न कर देती है। समाज की रूढ़ियों, वर्जित विषयों और हाशिये पर खड़े लोगों पर गीताश्री ने संवेदनशील कहानियाँ लिखी हैं। उनमें से कुछ उनके इस संग्रह में शामिल हैं। उसकी बानगी है ‘न्याय-चक्र’ कहानी। जाति व्यवस्था किस तरह सामूहिक वर्ग-भेद के भीतर बनी रहती है और हाशिये का समाज कैसे इस दोहरी मार से उबर नहीं पाता है, इसका अद्भुत विश्लेषण करती है यह कहानी।

वन्दना राग, कथाकार

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2025
Edition Year 2025, Ed. 1st
Pages 168p
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 1
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Geetashree

Author: Geetashree

गीताश्री

गीताश्री पत्रकार एवं लेखक हैं। अब तक उनके सात कहानी-संग्रह, छह उपन्यास और स्त्री-विमर्श पर चार शोध-पुस्तकें प्रकाशित हैं। उन्होंने कई चर्चित किताबों का सम्पादन-संयोजन किया है।

वर्ष 2008-09 में उन्हें पत्रकारिता के सर्वोच्च पुरस्कार ‘रामनाथ गोयनका सम्मान’ से सम्मानित किया गया। ‘बेस्ट हिन्दी जर्नलिस्ट ऑफ़ द इयर’ समेत अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार उन्हें प्राप्त हैं।

1991 से 2017 तक सक्रिय पत्रकारिता के बाद फ़िलहाल स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन।

ई-मेल : geetashri31@gmail.com

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