Hindi Aalochana : Shikharo Ka Sakshatkar-Text Book

₹125.00
ISBN:9788180319440
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द्विवेदी-युग के उत्तरार्ध में आचार्य शुक्ल के रूप में पहली बार हिन्दी-आलोचना ने पारम्परिक भारतीय काव्य-चिन्तन की अन्तरवर्ती प्राणधारा और आधुनिक यूरोप के विज्ञानालोकित कला-चिन्तन के उल्लसित प्रवाह की संश्लिस्ट शक्ति का आधार लेकर अपने मौलिक व्यक्तित्व का निर्माण किया, उनका मूल स्वर रीति-विरोधी और लोक-मंगल की साधना के गत्यात्मक सौन्दर्य का पोषक है। छायावादकालीन सौन्दर्यबोध का प्रेरक तत्त्व स्वातंत्र्य चेतना है जो देश की अभिनव आकांक्षा और नवीन सांस्कृतिक मूल्यों के स्वीकार का द्योतक है रचना के कलावादी रुझान का नहीं। छायावादोत्तर प्रगतिशील आलोचना का प्रेरक-तत्त्व सामाजिक न्याय की प्रतिष्ठा की सात्त्विक आकांक्षा है। वैचारिक ग्रहजन्य सीमाओं के बावजूद हिन्दी-साहित्य में उसकी ऐतिहासिक भूमिका का महत्त्व सर्वमान्य है।

प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, डॉ. नगेन्द्र, डॉ. रामविलास शर्मा, मुक्तिबोध, डॉ. नामवर सिंह, डॉ. बच्चन सिंह तथा डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी जैसे महान समीक्षकों पर एक गवेषणात्मक दृष्टि डाली गई है।

 

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2019, Ed. 4th
Pages 170p
Price ₹125.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1
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Ramchandra Tiwari

Author: Ramchandra Tiwari

डॉ. रामचन्द्र तिवारी

जन्म : सन् 1924; बनारस ज़िले के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में।
शिक्षा : हाईस्कूल, हरिश्चन्द्र हाईस्कूल बनारस से; इंटर लखनऊ के कान्यकुब्ज कॉलेज से; बी.ए., एम.ए., पीएच.डी. लखनऊ विश्वविद्यालय से।
अध्यापन : सन् 1952 में गोरखपुर में महाराणा प्रताप कॉलेज में नियुक्त। 1958 ई. में गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में नियुक्त। अब सेवानिवृत्त।

कृतियाँ : ‘कविवर लेखराज’; ‘गंगाभरण तथा अन्य कृतियाँ’, ‘शिवनारायणी सम्प्रदाय और उसका साहित्य’ (शोध-प्रबन्ध, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘रीतिकालीन हिन्दी कविता और सेनापति’ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘हिन्दी का गद्य-साहित्य’ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘मध्ययुगीन काव्य-साधना’, ‘साहित्य का मूल्यांकन’ (जजमेंट इन लिटरेचर का अनुवाद), ‘नाथ-योग एक परिचय’ ('ऐन् इंट्रोडक्शन टू नाथ योग’, का अनुवाद) ‘आधुनिक कवि और काव्य’ (सम्पादित), ‘काव्यधारा’ (सम्पादित), ‘निबन्ध नीहारिका’  (सम्पादित), ‘तजीकरा-ए-शुअरा-ए हिन्दी’ (मौलवी करीमुद्दीन द्वारा लिखित हिन्दी और उर्दू के इतिहास का सम्पादित रूप) ‘आलोचक का दायित्व’, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल’, ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आलोचना कोश’।
निधन : 4 जनवरी, 2009

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