Acharya Ramchandra Shukla

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Acharya Ramchandra Shukla
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आचार्य शुक्ल का व्यक्तित्व बहुआयामी है। उनके व्यक्तित्व में स्वाभिमान, दृढ़ता, आत्मविश्वास, संवेदनशीलता, करुणार्द्रता, गम्भीरता, मर्यादाप्रियता आदि गुणों के साथ प्रत्युत्पन्नमतित्व और रंजन की प्रवृत्तियाँ भी लक्षित होती हैं। उनके व्यक्तित्व के अनेक आयामों का विकास उनके जीवन-संघर्ष से जुड़ा है। उन्हें एक खास तरह से सोचने-समझने, निर्णय लेने और अपने व्यक्तित्व को विकसित करने की दिशा में उनके परिवेश ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उनकी रचनाओं में उनके व्यक्तित्व की छाप है। कहा जा सकता है कि आचार्य शुक्ल का जीवन-संघर्ष, व्यक्तित्व और रचना दृष्टि एक-दूसरे से बहुत गहरे स्तर पर जुड़े हैं। इसलिए इन्हें अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 212p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Ramchandra Tiwari

Author: Ramchandra Tiwari

डॉ. रामचन्द्र तिवारी

जन्म : सन् 1924; बनारस ज़िले के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में।
शिक्षा : हाईस्कूल, हरिश्चन्द्र हाईस्कूल बनारस से; इंटर लखनऊ के कान्यकुब्ज कॉलेज से; बी.ए., एम.ए., पीएच.डी. लखनऊ विश्वविद्यालय से।
अध्यापन : सन् 1952 में गोरखपुर में महाराणा प्रताप कॉलेज में नियुक्त। 1958 ई. में गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में नियुक्त। अब सेवानिवृत्त।

कृतियाँ : ‘कविवर लेखराज’; ‘गंगाभरण तथा अन्य कृतियाँ’, ‘शिवनारायणी सम्प्रदाय और उसका साहित्य’ (शोध-प्रबन्ध, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘रीतिकालीन हिन्दी कविता और सेनापति’ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘हिन्दी का गद्य-साहित्य’ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘मध्ययुगीन काव्य-साधना’, ‘साहित्य का मूल्यांकन’ (जजमेंट इन लिटरेचर का अनुवाद), ‘नाथ-योग एक परिचय’ ('ऐन् इंट्रोडक्शन टू नाथ योग’, का अनुवाद) ‘आधुनिक कवि और काव्य’ (सम्पादित), ‘काव्यधारा’ (सम्पादित), ‘निबन्ध नीहारिका’  (सम्पादित), ‘तजीकरा-ए-शुअरा-ए हिन्दी’ (मौलवी करीमुद्दीन द्वारा लिखित हिन्दी और उर्दू के इतिहास का सम्पादित रूप) ‘आलोचक का दायित्व’, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल’, ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आलोचना कोश’।
निधन : 4 जनवरी, 2009

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