Adhunik Hindi Alochana: Sandarbh Evam Drishti

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Adhunik Hindi Alochana: Sandarbh Evam Drishti
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इस पुस्तक में भारतेन्दु-युग से लेकर आज तक की हिन्दी-समीक्षा के सामाजिक सन्दर्भ और उसके प्रभाव में निर्मित और प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली का ऐतिहासिक दृष्टि से विवेचना किया गया है। इस क्रम में प्रमुख समीक्षकों द्वारा प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली को उनकी समीक्षा-दृष्टि के आलोक में देखने की चेष्टा की गई है। पुस्तक में लक्षित किया गया है कि भारतेन्दु-युग में एक ओर परम्परागत शास्त्रीय शब्दावली की जटिलता को शिथिल करने की कोशिश की गई दूसरी ओर नए सामाजिक सन्दर्भ के अनुकूल देश-भक्ति और सामाजिक सुधार जैसे मूल्यों को समीक्षा के केन्द्र में प्रतिष्ठित किया गया।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 232p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Ramchandra Tiwari

Author: Ramchandra Tiwari

डॉ. रामचन्द्र तिवारी

जन्म : सन् 1924; बनारस ज़िले के एक कुलीन ब्राह्मण परिवार में।
शिक्षा : हाईस्कूल, हरिश्चन्द्र हाईस्कूल बनारस से; इंटर लखनऊ के कान्यकुब्ज कॉलेज से; बी.ए., एम.ए., पीएच.डी. लखनऊ विश्वविद्यालय से।
अध्यापन : सन् 1952 में गोरखपुर में महाराणा प्रताप कॉलेज में नियुक्त। 1958 ई. में गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में नियुक्त। अब सेवानिवृत्त।

कृतियाँ : ‘कविवर लेखराज’; ‘गंगाभरण तथा अन्य कृतियाँ’, ‘शिवनारायणी सम्प्रदाय और उसका साहित्य’ (शोध-प्रबन्ध, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘रीतिकालीन हिन्दी कविता और सेनापति’ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘हिन्दी का गद्य-साहित्य’ (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत), ‘मध्ययुगीन काव्य-साधना’, ‘साहित्य का मूल्यांकन’ (जजमेंट इन लिटरेचर का अनुवाद), ‘नाथ-योग एक परिचय’ ('ऐन् इंट्रोडक्शन टू नाथ योग’, का अनुवाद) ‘आधुनिक कवि और काव्य’ (सम्पादित), ‘काव्यधारा’ (सम्पादित), ‘निबन्ध नीहारिका’  (सम्पादित), ‘तजीकरा-ए-शुअरा-ए हिन्दी’ (मौलवी करीमुद्दीन द्वारा लिखित हिन्दी और उर्दू के इतिहास का सम्पादित रूप) ‘आलोचक का दायित्व’, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल’, ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आलोचना कोश’।
निधन : 4 जनवरी, 2009

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