Elan Gali Zinda Hai

Author: Chandrakanta
Edition: 2022, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Elan Gali Zinda Hai
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कहा गया है कि अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह काश्मीर ही है और ‘ऐलान गली ज़िन्दा है’ उपन्यास इसी स्वर्ग के हाशिये पर दरिद्रता, अज्ञान और अभावों में पल रहे लोगों की संस्कृति और जीवन-संघर्षों को बहुत अन्तरंग विवरणों के साथ उजागर करता है। जहाँ आज धर्म, जाति और भाषा के नाम पर आदमी-आदमी के बीच दीवारें खड़ी की जा रही हों, वहाँ ऐलान गली के अनवर मियाँ, दयाराम मास्टर, संसारचन्द आदि लोग हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के प्रतीक बनकर उभरते हैं। दूसरी ओर बेरोज़गारी के अन्धकार में पल रही युवा पीढ़ी है, जो रोज़गार की तलाश में बड़े शहरों की ओर दौड़ रही है। अवतारा ऐसी ही युवा पीढ़ी का प्रतिनिधि चरित्र है, जिसे आजीविका के लिए मुम्बई जैसे महानगर में जाना पड़ता है। महानगरीय सुविधाओं और चकाचौंध के बीच वह ख़ुद को अजनबी और अस्तित्वहीन महसूस करता है, उसके ज़ेहन में ऐलान गली प्यार के समुद्र की तरह पछाड़ें मारती है।

ऐलान गली के निवासियों के आपसी सम्बन्धों के विविध आयामों को इस उपन्यास में इतने विस्तार और सूक्ष्मता से चित्रित किया गया है कि एक समूचे समाज का रूप उभरकर सामने आता है। वस्तुतः अपने तमाम पिछड़ेपन के बावजूद ऐलान गली वहाँ के प्रवासियों और निवासियों के दिल-दिमाग़ में उसी तरह ज़िन्दा है, जिस तरह फूलों में सुगन्ध।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 1984
Edition Year 2022, Ed. 3rd
Pages 164p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Chandrakanta

Author: Chandrakanta

चन्‍द्रकान्‍ता

3 सितम्बर, 1938 को श्रीनगर, कश्मीर में जन्म। बी.ए., बी.एड. तक की शिक्षा श्रीनगर से तथा बिड़ला आर्ट्स कॉलेज, पिलानी (राजस्थान) से हिन्दी साहित्य में एम.ए.। 

1967 से निरन्तर सृजनरत चन्द्रकान्ता के अब तक चौदह कहानी-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। इनके अलावा चयनित एवं चर्चित कहानियों के नौ संकलन एवं समग्र कहानियाँ चार खंडों में प्रकाशित हैं। आपके प्रकाशित उपन्यास हैं—‘अन्तिम साक्ष्य’, ‘अर्थान्तर’, ‘बाक़ी सब ख़ैरियत है’, ‘ऐलान गली ज़िन्दा है’, ‘अपने-अपने कोणार्क’, ‘यहाँ वितस्ता बहती है’, ‘कथा सतीसर’, ‘समय-अश्व बेलगाम’। अन्य कृतियाँ हैं—‘यहीं कहीं आसपास’ (कविता-संग्रह); ‘हाशिए की इबारतें’ (आत्मकथात्मक संस्मरण); ‘मेरे भोजपत्र’ (संस्मरण एवं आलेख); ‘प्रश्नों के दायरे में’ (साक्षात्कार)।

चन्द्रकान्ता की कई कहानियों एवं उपन्यासों के विभिन्न भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेज़ी में अनुवाद हो चुके हैं। आपकी रचनाएँ कई विश्वविद्यालयों के हिन्दी साहित्य के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। दूरदर्शन के लिए कई कहानियों का फ़िल्मांकन तथा आकाशवाणी से कहानियों-उपन्यासों का धारावाहिक प्रसारण हुआ है।

आपको के.के. बिड़ला फाउंडेशन का ‘व्यास सम्मान’, हिन्दी अकादमी (दिल्ली) का ‘साहित्यकार सम्मान’, हरियाणा साहित्य अकादमी का ‘बाबू बालमुकुंद गुप्त पुरस्कार’, उ.प्र. हिन्दी संस्थान का ‘महात्मा गांधी सम्मान’, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान (आगरा) का ‘सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार’ आदि अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। डी.एस.सी. साउथ एशियन लिटरेरी प्राइज़ की शॉर्टलिस्ट में ए स्ट्रीट इन श्रीनगर (ऐलान गली ज़िन्दा है का अंग्रेज़ी अनुवाद) और लॉन्गलिस्ट में द सागा ऑफ़ सतीसर (कथा सतीसर का अंग्रेज़ी अनुवाद) शामिल एवं पुरस्कृत।

ईमेल : chandrakanta39@gmail.com

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