Chhote-Chhote Sawal

Author: Dushyant Kumar
You Save 10%
Out of stock
Only %1 left
SKU
Chhote-Chhote Sawal

छोटे-छोटे सवाल—यानी हमारे शैक्षिक ढाँचे पर, और कहीं भी बैठ उसे बनाते, बिगाड़ते चन्द दकियानूस दिमाग़ों की भ्रष्ट कारगुज़ारियों पर लगे बड़े-बड़े प्रश्नचिह्न। ऐसे प्रश्नचिह्न, जो दिन-ब-दिन फंदे की तरह कसते जा रहे हैं और न सिर्फ़ क़स्बाई स्कूल-कॉलेज, बल्कि नगरीय-महानगरीय विद्यालय-महाविद्यालय तक जिनकी गिरफ़्त में दम तोड़ते लग रहे हैं।

यह उपन्यास बड़े-बड़े सवालों से भी बड़े कुछ ऐसे ही छोटे-छोटे सवालों से सीधे टकराने की हिमायत करता है।

निस्सन्देह, एक अंचल विशेष से जुड़कर भी यह उपन्यास राष्ट्रव्यापी शिक्षा-समस्याओं की दोषपूर्ण बुनियाद को हिलाने की ताक़त रखता है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1964
Edition Year 2023, Ed. 11th
Pages 244p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Chhote-Chhote Sawal
Your Rating
Dushyant Kumar

Author: Dushyant Kumar

दुष्यन्त कुमार

जन्म : 1 सितम्बर, 1933; राजपुर-नवादा, ज़िला—बिजनौर (उ.प्र.)।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), इलाहाबाद।

प्रकाशित कृतियाँ : कविता-संग्रह—‘सूर्य  का  स्वागत’, ‘जलते हुए वन का वसन्त’, ‘आवाज़ों के घेरे’; उपन्यास : ‘छोटे-छोटे सवाल’, ‘दुहरी ज़िन्दगी’ और ‘आँगन में एक वृक्ष’; नाटक—‘मसीहा मर गया’, ‘मन के कोण’ (एकांकी); नाट्य-काव्य—‘एक कण्ठ विषपायी’। ‘साये में धूप’ उनका अन्तिम तथा अत्यन्त चर्चित ग़ज़ल-संग्रह है।

इसके अलावा कुछ आलोचनात्मक पुस्तकें, कुछ उपन्यास (जिन्हें ख़ुद दुष्यन्त कुमार 'फ़ालतू’ कहते थे) लिखे तथा कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकों के अनुवाद भी किए।

निधन : 30 दिसम्बर, 1975; भोपाल (म.प्र.)।

Read More
Books by this Author
Back to Top