Chhalkat Jaye Gyan Ghat

Author: K. D. Singh
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
As low as ₹425.00 Regular Price ₹500.00
10% Off
In stock
SKU
Chhalkat Jaye Gyan Ghat
- +
Share:

जब ढोल की बात चल ही पड़ी है, तो एक और खास बात है जिस पर आपको गौर करना चाहिए। ... और वह यह है कि, जो ढोल जितनी गहन, गम्भीर आवाज करता है, वह अन्दर से उतना ही खोखला होता है। ढोल की आवाज, उसके आकार-प्रकार पर कम, उसके खोखलेपन पर ज्यादा निर्भर करती है।

ढोल की एक पोल भी होती है, जो कभी-कभी खुल जाती है। परम्परागत ढोल की तो पोल खुलते ही वह बजना बन्द हो जाता है और घर के किसी कोने पर सन्यास लेकर पड़ा रहता है, जब तक कि उसे उसकी पोल के साथ पुनः कस न दिया जाय। लेकिन आधुनिक पीढ़ी के ढोल तो, पोल खुलने के बाद भी उतनी ही गम्भीर रिदम के साथ पूरी बेशर्मी से बजते रहते हैं... और मजे की बात यह है कि लोग उसे सुनते भी रहते हैं... पूरी तन्मयता के साथ।

बजनेवाले ढोल, अगर आपके नजदीक बज रहे हों, तो वे आपको कर्कश लग सकते हैं... लेकिन ज्यों-ज्यों ढोल और आपके बीच की दूरी बढ़ती जाती है, उनकी आवाज अपेक्षाकृत मधुर होती जाती है, और विश्वसनीय भी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 152p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Chhalkat Jaye Gyan Ghat
Your Rating
K. D. Singh

Author: K. D. Singh

के.डी. सिंह

जन्म : 21 मार्च, 1975 को ग्राम—पिपरहरी, जनपद—बाँदा में।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा बाँदा में, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक एवं परास्नातक। 1992 में आकाशवाणी इलाहाबाद से ‘युववाणी’ कार्यक्रम में कविता-पाठ की एक नियमित शृंखला से जुड़े रहे, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए कविता, व्यंग्य-लेख व निबन्धों का प्रकाशन।

पुरस्कार : 1991 में महाकवि निराला संस्थान इलाहाबाद द्वारा पुरस्कृत, 1992 में प्रसिद्ध भाषाविद् हरदेव बाहरी द्वारा साहित्यिक संस्था ‘उदीयमान’ के तत्त्वावधान में ‘युवा रचनाकार उदीयमान सम्मान’, वर्ष 2004 में प्रकाशित पुस्तक 'शेष अगले पृष्ठ' पर के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा ‘बालकृष्ण शर्मा नामित पुरस्कार’, वर्ष 2012 में प्रकाशित व्यंग्य-संग्रह 'हाशिये पर' के लिए उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा ‘शरद जोशी सर्जना सम्मान’।

प्रकाशन : अब तक कुल 5 पुस्तकें प्रकाशित—'शेष अगले पृष्ठ पर' (व्यंग्य), 'हाशिये पर' (व्यंग्य), 'लिखना न था कुछ' (कविता एवं ग़ज़ल-संग्रह), 'होते करते' (व्यंग्य-संग्रह), 'एतद् द्वारा' (व्यंग्य-संग्रह)।

सम्प्रति : उ.प्र. सरकार के अधीन परिवहन विभाग में राजपत्रित अधिकारी।

ई-मेल : kd21375@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top