Ye Galat Baat Hai

Edition: 2024, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Ye Galat Baat Hai

‘ये ग़लत बात है’ कवि-कहानीकार मनोज कुमार शर्मा का पठनीय कविता-संग्रह है। समकालीन हिन्दी कविता सहसा इतनी सजग और त्वरित हो उठी है कि परिवेश की प्रत्येक गतिविधि उसकी ज़द में है। इसके परिणाम अनेक रूपों में प्राप्त हो रहे हैं। कुछ रूप मनोज कुमार शर्मा की इन कविताओं में देखे जा सकते हैं।

सामाजिक विसंगतियाँ, आत्मीय प्रसंग, प्रगतिशील चिन्तन, निजता के निमिष और मानवीय प्रयत्न— इन बिन्दुओं पर मनोज ने अपनी कविताएँ केन्द्रित की हैं। कुछ कविताओं में प्रकारान्तर से समय, नियति और नियन्ता से संवाद है। कवि जीवन की ‘म्रियमाण वास्तविकता’ को भी रेखांकित करता है। ऐसी कविताओं से व्यंग्यमिश्रित पीड़ा का यह भाव भी मुखर होता है—‘ऐ लीलाधर!/क्यों बनाया मनुष्य को भस्मासुर/क्यों बनाया मनुष्य/क्यों?’

जब मनोज ‘पानी’ कविता लिखते हैं तब वे जल के साथ ‘सजल संवेदना’ पर मँडराते संकटों का संकेत भी करते हैं। ऐसे प्रयत्नों से वे अपने निहितार्थों को व्यापक बनाते हैं। यह पढ़कर अच्छा लगता है कि उनका दृढ़ भरोसा प्रेम में है—चाहे वह प्रेम व्यक्ति केन्द्रित हो या मूल्य सन्दर्भित। और इसकी प्रतीक्षा कवि अनन्त तक कर सकता है—‘जब मिल जाएँगी दसों दिशाएँ आकाश से/ क्या तुम तब मिलोगे?’

ये कविताएँ पाठक को उकसाती हैं कि वह नई सुबह की अगवानी कर सके। विश्वास है, यह संग्रह पाठकों की प्रीति अर्जित करेगा।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2024, Ed. 2nd
Pages 112p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Manoj Kumar Sharma

Author: Manoj Kumar Sharma

मनोज कुमार शर्मा

शिक्षा : ग्रामीण विकास प्रबन्धन में स्नातकोत्तर।

प्रमुख कृतियाँ : ‘क्या-क्या टूट गया भीतर’, ‘उसका तो कोई गाँव होगा ही नहीं’, ‘ये ग़लत बात है’ (कविता-संग्रह); ‘जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह)।

सम्मान : राजस्थान साहित्य अकादेमी द्वारा ‘सुधीन्द्र पुरस्कार’, राजस्थान सरकार द्वारा मौलिक लेखन हेतु ‘स्टेट अवार्ड’ सहित पोयट्री सोसाइटी इंडिया, इंडो-जापान कल्चरल एवं लिटरेचरल फ़ाउंडेशन, न्यूयॉर्क में अप्रवासी भारतीयों, बीकानेर की साहित्य संस्थाओं, टोंक की साहित्य संस्थाओं, कोलकाता की चौरंगी लेन स्थित साहित्य सभा में उत्तर-पूर्व के साहित्यकारों, जोधपुर की साहित्यिक संस्था ‘सम्‍भावना’ आदि द्वारा सम्मानित।

विशेष : आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन, संयुक्त राष्ट्रसंघ, न्यूयॉर्क में भारत का प्रतिनिधित्व। यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न देशों में काव्य-पाठ। न्यूयॉर्क के आई.टी.वी. एवं मेलबॉर्न रेडियो द्वारा कविता-प्रसारण। 50 से अधिक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सम्मेलनों एवं सेमीनारों में प्रतिनिधित्व। राजस्थानी संगीत का एलबम पेन ऑडियो, मुम्बई द्वारा जारी।

श्री शर्मा बीकानेर में कुलपति भी रहे, अब सेवानिवृत्‍त।

 

 

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