Janakpriya Evam Anya Kahaniya

Edition: 2024, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Janakpriya Evam Anya Kahaniya
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कवि-हृदय मनोज कुमार शर्मा का कहानी-संग्रह ‘जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ’ जीवन के विविध अनुभवों को प्रांजल भाषा में अभिव्यक्त करता है। लेखक के पास संवेदनाओं की सशक्त पूँजी है। यह संवेदना आधुनिक महानगरीय मन और परम्परागत लोकचित्त की साझा निर्मिति है। यही कारण है कि मनोज कुमार शर्मा की कई कहानियाँ लोक-स्वभाव का अनुगमन करते हुए लोकलय में लिखी गई हैं। इसे परम्परा को संरक्षित करने की ‘कथात्मक कोशिश’ भी कह सकते हैं।

मनोज कुमार शर्मा समकालीन ज़िन्दगी की विसंगतियों को बहुत सलीके से छू लेते हैं। उन्हें इस बड़बोले समय में शब्द संयम के प्रति सचेत कहानीकार कहा जा सकता है। उन्होंने कुछ नए मुहावरों को रूपायित भी किया है, जैसे ‘मैं वैसे क्रोध तो राजस्थान की वर्षा की तरह कम ही करता हूँ परन्तु उस दिन तो बस चेरापूँजी...।’ ऐसे प्रयोगों से पठनीयता में वृद्धि होने के साथ शैली में एक सुखद चमक भी आ जाती है। समग्रतः प्रस्तुत कहानी-संग्रह भावों और विचारों में उल्लेखनीय और महत्त्वपूर्ण है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2024, Ed. 2nd
Pages 112p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.3
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Manoj Kumar Sharma

Author: Manoj Kumar Sharma

मनोज कुमार शर्मा

शिक्षा : ग्रामीण विकास प्रबन्धन में स्नातकोत्तर।

प्रमुख कृतियाँ : ‘क्या-क्या टूट गया भीतर’, ‘उसका तो कोई गाँव होगा ही नहीं’, ‘ये ग़लत बात है’ (कविता-संग्रह); ‘जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह)।

सम्मान : राजस्थान साहित्य अकादेमी द्वारा ‘सुधीन्द्र पुरस्कार’, राजस्थान सरकार द्वारा मौलिक लेखन हेतु ‘स्टेट अवार्ड’ सहित पोयट्री सोसाइटी इंडिया, इंडो-जापान कल्चरल एवं लिटरेचरल फ़ाउंडेशन, न्यूयॉर्क में अप्रवासी भारतीयों, बीकानेर की साहित्य संस्थाओं, टोंक की साहित्य संस्थाओं, कोलकाता की चौरंगी लेन स्थित साहित्य सभा में उत्तर-पूर्व के साहित्यकारों, जोधपुर की साहित्यिक संस्था ‘सम्‍भावना’ आदि द्वारा सम्मानित।

विशेष : आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन, संयुक्त राष्ट्रसंघ, न्यूयॉर्क में भारत का प्रतिनिधित्व। यूरोप, मध्य-पूर्व एशिया एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न देशों में काव्य-पाठ। न्यूयॉर्क के आई.टी.वी. एवं मेलबॉर्न रेडियो द्वारा कविता-प्रसारण। 50 से अधिक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सम्मेलनों एवं सेमीनारों में प्रतिनिधित्व। राजस्थानी संगीत का एलबम पेन ऑडियो, मुम्बई द्वारा जारी।

श्री शर्मा बीकानेर में कुलपति भी रहे, अब सेवानिवृत्‍त।

 

 

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