Vinod Kumar Shukla : Khirki Ke Andar Aur Bahar

Author: Yogesh Tiwari
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Vinod Kumar Shukla : Khirki Ke Andar Aur Bahar
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‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ यशस्वी कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का सुप्रसिद्ध उपन्यास है। योगेश तिवारी ने ‘विनोद कुमार शुक्ल : खिड़की के अन्दर और बाहर’ में इस उपन्यास का गम्भीर विश्लेषण किया है। पुस्तक में पाँच अध्याय हैं—‘ग़रीबी में भी सुख’, ‘महाविद्यालय की वापसी’, ‘पर्यावरण संवेदना’, ֹ‘भाषा की अर्थ-छटाएँ’ और ‘कितना सुख था’। इनमें बिलकुल नए तरीक़े से उपन्यास की अन्तर्वस्तु और अभिव्यक्ति का आलोचनात्मक अध्ययन है। लेखक ने प्रामाणिकता और तर्क पद्धति का विशेष ध्यान रखा है।

योगेश तिवारी ने इस बहुचर्चित उपन्यास पर विभिन्न आलोचकों द्वारा प्रस्तुत विचारों को भी ध्यान में रखा है। आवश्यकतानुसार उनसे संवाद व प्रतिवाद भी किया है। इसी प्रकिया में विनोद कुमार शुक्ल के लेखन की विशिष्टता रेखांकित होती है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2013
Edition Year 2013, Ed. 1st
Pages 104p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
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Author: Yogesh Tiwari

योगेश तिवारी

जन्म : 1983; देवरिया, उत्तर प्रदेश।

बचपन गाँव में बीता।

कलकत्ता विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए. करने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई

दिल्ली से एम.फ़िल.।          

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