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Vilayat ke Ajoobe-E-Book

Translator: Haidar Ali
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹149.25 Regular Price ₹199.00
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9789392757280-ebook

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Haidar Ali
Editor Not Selected
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 176p
Price ₹199.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Author: Mirza Sheikh Etesamuddin

मिर्ज़ा शेख़ एतेसामुद्दीन

मिर्ज़ा शेख़ एतेसामुद्दीन (1738-1800) सम्भवत: पहले पढ़े-लिखे भारतीय हैं जिन्होंने यूरोप की यात्रा की थी। मिर्ज़ा बंगाल के नदिया ज़िले के एक गाँव बाजनौर के रहने वाले थे। उनका सम्बन्ध एक पढ़े-लिखे परिवार से था। मिर्ज़ा एतेसामुद्दीन अरबी, बांग्ला, हिन्दुस्तानी और फ़ारसी भाषा के विशेषज्ञ थे। इसके अलावा उन्हें प्रशासन, कूटनीति और क़ानून के क्षेत्र में महारत हासिल थी। मिर्ज़ा ईस्ट इंडिया कम्पनी में मुंशी थे। उन्होंने शहंशाह शाह आलम द्वितीय के दरबार में भी काम किया। शहंशाह  ने उन्हें मिर्ज़ा की पदवी से नवाजा था। यह पदवी अंग्रेज़ों के 'नाइट' की तरह थी। यूरोप से आने के बाद मिर्ज़ा बहुत मशहूर हो गए और लोग उन्हें 'विलायत मुंशी' के नाम से जानने लगे थे। इस बीच वे बिहार, बंगाल और अवध के विभिन्न शहरों में रहे और इस कारण वे कुछ महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं के साक्षी भी थे। उन्होंने फ़ारसी में एक और पुस्तक नसबनामा शीर्षक से लिखी है।

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