Upanyaskar Ka Safarnama

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Upanyaskar Ka Safarnama
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“शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी इस समय न सिर्फ़ उर्दू बल्कि समूचे भारतीय साहित्य में एक बड़ी और आकर्षक हस्ती हैं। उनमें गहरी विद्वत्ता और अथक सृजनशीलता का जो संयोग है, वह अनोखा है। अपनी पारम्परिक बहुलता, जो कई बार आधुनिकता की झोंक में इकहरी देखी-समझी जाने लगती है, इस चिन्तक-लेखक के यहाँ जीवन्त गतिशीलता में प्रगट होती है। उनके संवाद से हमारी स्थिति के, हमारी सांस्कृतिक धरोहर के ऐसे कई पहलू सामने आते हैं जिन्हें हम भूल गए हैं। किसी उर्दू लेखक का हिन्दी में शायद यह सबसे लम्बा संवाद है। रज़ा पुस्तक माला में इस अनूठी और कई सिम्तों को रोशन करती बातचीत को पुस्तकाकार प्रस्तुत करते हमें हर्ष है।”

—अशोक वाजपेयी

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 143p
Translator Not Selected
Editor Ashok Vajpeyi
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Udayan Vajpeyi

Author: Udayan Vajpeyi

उदयन वाजपेयी

जन्म : 4 जनवरी, 1960; सागर, मध्य प्रदेश।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘कुछ वाक्य’, ‘पागल गणितज्ञ की कविताएँ’, ‘केवल कुछ वाक्‍य’ (कविता-संग्रह); ‘सुदेशना’, ‘दूर देश की गन्ध’, ‘सातवाँ बटन’, ‘घुड़सवार’ (कहानी-संग्रह); ‘चरखे पर बढ़त’, ‘जनगढ़ क़लम’, ‘पतझर के पाँव की मेंहदी’ (निबन्ध और यात्रा वृत्तान्त); ‘अभेद आकाश’ ( फ़िल्मकार मणि कौल); ‘मति, स्मृति और प्रज्ञा’ (इतिहासकार धर्मपाल), ‘उपन्‍यास का सफ़रनामा’ (शम्‍सुर्रहमान फ़ारूक़ी), ‘विचरण(दार्शनिक नवज्‍योत सिंह), ‘कवि का मार्ग’ (कवि कमलेश), ‘भव्‍यता का रंग-कर्म’ (रंग-निर्देशक रतन थियाम), ‘प्रवास और प्रवास’ (उपन्‍यासकार कृष्‍ण बलदेव वैद); का.ना. पणिक्कर पर ‘थियेटर ऑफ़ रस’ और रतन थियाम पर ‘थियेटर ऑफ ग्रेंजर’; वी आँविजि़ब्ल (फ्रांसीसी में कविताओं के अनुवाद की पुस्तक); ‘मटमैली स्मृति में प्रशान्त समुद्र’ (जापानी कवि शुन्तारो तानीकावा के हिन्दी में अनुवाद); कविताओं, कहानियों और निबन्धों के अनुवाद तमिल, बांग्‍ला, ओड़िया, मलयालम, मराठी, अंग्रेज़ी, फ्राँसीसी, स्वीडिश, पोलिश, इतालवी, बुल्गारियन आदि भाषाओं में। ‘समास’ का सम्‍पादन।

कुमार शहानी की फ़िल्म 'चार अध्याय' और 'विरह भर्यो घर-आँगन कोने में' का लेखन।

कावालम नारायण पणिक्कर की रंगमंडली 'सोपानम्' के लिए ‘उत्तररामचरितम्’, ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ की हिन्दी में पुनर्रचना, पणिक्कर के साथ कालिदास के तीनों नाटकों के आधार पर ‘संगमणियम्’ नाटक का लेखन।

2000 में लेविनी (स्वीट्ज़रलैंड) में और 2002 से पेरिस (फ्रांस) में 'राइटर इन रेसिडेंस', 2011 में नान्त (फ्रांस) में अध्येता के रूप आमंत्रित।

मई 2003 में फ्रांस के राष्ट्रीय पुस्तकालय में भारतीय कवि की हैसियत से व्याख्यान। वाराणसी, भुवनेश्वर, पटना, मुम्बई, दिल्ली, पेरिस, मॉस्को, जिनिवा, काठमांडू आदि स्थानों पर कला, साहित्य, सिनेमा, लोकतंत्र आदि विषयों पर व्याख्यान।

‘रज़ा फ़ाउंडेशन’, ‘कृष्ण बलदेव वैद पुरस्कार’ और ‘स्‍पंदन कृति सम्‍मान’ से सम्मानित।

गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में अध्यापन।

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