Charkhe Per Badhat Aur Anya Nibandh

Author: Udayan Vajpeyi
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Charkhe Per Badhat Aur Anya Nibandh

उदयन वाजपेयी के ये निबन्ध हिन्दी में निबन्ध के ‘अनाख्यान-काल’ के प्रारम्भ का नान्दी-पाठ हैं। यह शब्द मदन सोनी का है जिसका इस्तेमाल उदयन ने ‘समय की छवियाँ’ शीर्षक निबन्ध में भी किया है किन्तु मदन सोनी और उदयन के प्रयोगों से मुअत्तर इस शब्द से मैं वह भी झलकाना चाहता हूँ जो ‘आदि-काल’, ‘रीति-काल’, ‘साठोत्तरी कविता’, ‘कविता की वापसी’ जैसी घोषणाओं में, हिन्दी आलोचना का एक प्रिय कर्तव्य रहा है।

इन निबन्धों में साहित्य और कला के अतिरिक्त जीवन की बहुत-सी बातें हैं, श्रीकान्त वर्मा, स्वामीनाथन और मिलान कुन्देरा के साथ-साथ रसोईघर और पाठ्‌य-पुस्तक भी हैं। इन्हें ‘साहित्यिक’, ‘विचारात्मक’, ‘समीक्षात्मक’ आदि की कोटियों में बाँटने की कोशिश करते समय मुझे जो शीर्षक सूझने लगे, वे कुछ इस प्रकार के थे—‘रसोईघर में मिलान कुंदेरा’, ‘श्रीकान्त वर्मा की अलिखी किताब के अक्षर', ‘स्वामीनाथन के चरखे पर एक बढ़त’ आदि। मैं सिर्फ़ यही कह सकता हूँ कि महात्मा गांधी की बात हो या फणीश्वरनाथ ‘रेणु' की, आप किसी भी रसोईघर में और किसी भी किताब में जाते-आते यह देख लें कि उदयन के ये निबन्ध इधर से गुज़रे हैं कि नहीं तो अच्छा ही रहेगा। क्योंकि इनमें अर्थ का एक 'बेगानापन' है। 

—वागीश शुक्ल

(भूमिका से)

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2000
Edition Year 2000, Ed. 1st
Pages 175p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
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Udayan Vajpeyi

Author: Udayan Vajpeyi

उदयन वाजपेयी

जन्म : 4 जनवरी, 1960; सागर, मध्य प्रदेश।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘कुछ वाक्य’, ‘पागल गणितज्ञ की कविताएँ’, ‘केवल कुछ वाक्‍य’ (कविता-संग्रह); ‘सुदेशना’, ‘दूर देश की गन्ध’, ‘सातवाँ बटन’, ‘घुड़सवार’ (कहानी-संग्रह); ‘चरखे पर बढ़त’, ‘जनगढ़ क़लम’, ‘पतझर के पाँव की मेंहदी’ (निबन्ध और यात्रा वृत्तान्त); ‘अभेद आकाश’ ( फ़िल्मकार मणि कौल); ‘मति, स्मृति और प्रज्ञा’ (इतिहासकार धर्मपाल), ‘उपन्‍यास का सफ़रनामा’ (शम्‍सुर्रहमान फ़ारूक़ी), ‘विचरण(दार्शनिक नवज्‍योत सिंह), ‘कवि का मार्ग’ (कवि कमलेश), ‘भव्‍यता का रंग-कर्म’ (रंग-निर्देशक रतन थियाम), ‘प्रवास और प्रवास’ (उपन्‍यासकार कृष्‍ण बलदेव वैद); का.ना. पणिक्कर पर ‘थियेटर ऑफ़ रस’ और रतन थियाम पर ‘थियेटर ऑफ ग्रेंजर’; वी आँविजि़ब्ल (फ्रांसीसी में कविताओं के अनुवाद की पुस्तक); ‘मटमैली स्मृति में प्रशान्त समुद्र’ (जापानी कवि शुन्तारो तानीकावा के हिन्दी में अनुवाद); कविताओं, कहानियों और निबन्धों के अनुवाद तमिल, बांग्‍ला, ओड़िया, मलयालम, मराठी, अंग्रेज़ी, फ्राँसीसी, स्वीडिश, पोलिश, इतालवी, बुल्गारियन आदि भाषाओं में। ‘समास’ का सम्‍पादन।

कुमार शहानी की फ़िल्म 'चार अध्याय' और 'विरह भर्यो घर-आँगन कोने में' का लेखन।

कावालम नारायण पणिक्कर की रंगमंडली 'सोपानम्' के लिए ‘उत्तररामचरितम्’, ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ की हिन्दी में पुनर्रचना, पणिक्कर के साथ कालिदास के तीनों नाटकों के आधार पर ‘संगमणियम्’ नाटक का लेखन।

2000 में लेविनी (स्वीट्ज़रलैंड) में और 2002 से पेरिस (फ्रांस) में 'राइटर इन रेसिडेंस', 2011 में नान्त (फ्रांस) में अध्येता के रूप आमंत्रित।

मई 2003 में फ्रांस के राष्ट्रीय पुस्तकालय में भारतीय कवि की हैसियत से व्याख्यान। वाराणसी, भुवनेश्वर, पटना, मुम्बई, दिल्ली, पेरिस, मॉस्को, जिनिवा, काठमांडू आदि स्थानों पर कला, साहित्य, सिनेमा, लोकतंत्र आदि विषयों पर व्याख्यान।

‘रज़ा फ़ाउंडेशन’, ‘कृष्ण बलदेव वैद पुरस्कार’ और ‘स्‍पंदन कृति सम्‍मान’ से सम्मानित।

गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में अध्यापन।

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