Tulsi-Text Book

ISBN: 9788171197361
Edition: 2018, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
₹175.00
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9788171197361
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साहित्य मनीषी पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी का मत है कि ‘तुलसीदास के काव्य में उनका निरीह भक्त-रूप बहुत स्पष्ट हुआ है, पर वे समाज-सुधारक, लोकनायक, कवि, पंडित और भविष्य-स्रष्टा भी थे। यह निर्णय करना कठिन है कि इनमें से उनका कौन-सा रूप अधिक आकर्षक और प्रभावशाली था। इन सब गुणों ने तुलसीदास में एक अपूर्व समता ला दी। इसी सन्तुलित प्रतिभा ने उत्तर भारत को वह महान साहित्य दिया जो दुनिया के इतिहास में अपना प्रतिद्वन्द्वी नहीं जानता।’ ऐसी महान प्रतिभा के समग्र व्यक्तित्व व कृतित्व का वस्तुगत विश्लेषण इस पुस्तक के निबन्धों में हुआ है। इन निबन्धों में तुलसीदास के जीवन-दर्शन और उनकी काव्यात्मक उपलब्धियों के विविध आयामों पर लेखकों ने सर्वथा नए ढंग से विचार किया है। तुलसी-साहित्य में रुचि रखनेवाले पाठकों और छात्रों के लिए सर्वथा संग्रहणीय पुस्तक!

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 1976
Edition Year 2018, Ed. 3rd
Pages 236p
Price ₹175.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Author: Uday Bhanu Singh

डॉ. उदयभानु सिंह

जन्म : 1 फरवरी, 1917 को ग्राम—बैरी, ज़िला—आजमगढ़ में।

शिक्षा : प्राथमिक शिक्षा गाँव में ही। उच्च शिक्षा जौनपुर, मुम्बई, आगरा और लखनऊ में। हिन्दी, संस्कृत दोनों में एम.ए. क्रमश: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय से। ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और उनका युग’ विषय पर पीएच.डी., डी.लिट्.।

1947 से अध्यापन। बलवंत राजपूत कॉलेज, आगरा में प्राध्यापक रहे, फिर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और रीडर। एक वर्ष तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में हिन्दी के विभागाध्यक्ष और स्नातकोत्तर अध्ययन-केन्द्र के निदेशक। 1973 से प्राध्यापक और हिन्दी विभागाध्यक्ष रहते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय से 1982 में सेवानिवृत्त।

प्रमुख कृतियाँ : ‘महावीरप्रसाद द्विवेदी और उनका युग’, ‘हिन्दी के स्वीकृत शोधप्रबन्ध’, ‘अनुसन्धान का विवेचन’, ‘तुलसी-दर्शन-मीमांसा’, ‘तुलसी-काव्य-मीमांसा’ (आलोचना); ‘तुलसी’, ‘छायावाद, भारतीय काव्यशास्त्र’, ‘साहित्य अध्ययन की दृष्टियाँ’ (सं.), ‘संस्कृत नाटक’ (अनुवाद)।

उत्तर प्रदेश सरकार से तीन बार पुरस्कृत, ‘डालमिया पुरस्कार’ और हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा सम्मानित।

निधन : 21 फ़रवरी, 2010

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