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Tat-Sam-Hard Cover

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9788126717996
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राजी सेठ का उपन्यास ‘तत-सम’ जिजीविषा के मर्म-भेदन का आलोकपर्व है। इस उपन्यास में नियतिबद्ध मनुष्यों को अपने चैतन्य की तलाश है क्योंकि यहाँ शत्रु समाज नहीं, अपनी जड़ता है। ‘तत-सम’ का उद्घोष है—जिजीविषा के उत्सव का दस्तावेज़ सदा अर्थ-जीवी रहेगा। यह उपन्यास और भी कई अर्थों में अपूर्व है। इसकी संरचना में घटनाएँ नहीं, अपितु मनःस्थितियाँ महत्त्वपूर्ण हैं।

यहाँ दु:ख दु:ख नहीं, दृष्टि है—कुछ ऐसी प्राणवत्ता का उपार्जन, जो गिर जाने पर कपड़े झाड़कर खड़े हो जाने का संकल्प और आत्मबल भी देता है अपने को अपनी समग्रता में पाने के लिए।

भाषा, इस उपन्यास में अभिव्यक्ति का उपकरण मात्र नहीं है बल्कि शुद्ध संवेदन है। स्थिति की अनुकूलता में पूरी तरह विगलित और स्पन्दित। पाठ की सघन बुनावट—हर बार नए से नया अर्थ देने में सक्षम। शैली-शिल्प की ऐसी प्रस्तुति और ऐसी जीवन-दृष्टि हिन्दी उपन्यासों में अन्यत्र विरल है। अपनी इस विशेषता के कारण ‘तत-सम’ एक ऐसी अनूठी कृति है जो अपने पात्रों की नियति को तत्-समता के अभिशाप से उबार लाती है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 1998
Edition Year 2010, Ed. 2nd
Pages 256p
Price ₹300.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Rajee Seth

Author: Rajee Seth

राजी सेठ

 

जन्म : सन् 1935; नौशेहरा छावनी (अविभाजित भारत)।

शिक्षा : एम.ए. अंग्रेज़ी साहित्य। विशेष अध्ययन : ‘तुलनात्मक धर्म और भारतीय दर्शन’।

लेखन : जीवन के उत्तरार्द्ध में शुरू किया—1975 से। उपन्यास, कहानी, कविता, समीक्षा, निबन्ध आदि सभी विधाओं में लेखन।

प्रकाशन : ‘तत-सम’ (उपन्यास); ‘निष्कवच’ (दो उपन्यासिकाएँ); ‘अन्धे मोड़ से आगे’, ‘तीसरी हथेली’, ‘यात्रा-मुक्त’, ‘दूसरे देशकाल में’, ‘सदियों से’, ‘यह कहानी नहीं’, ‘किसका इतिहास’, ‘गमे हयात ने मारा’, ‘ख़ाली लिफ़ाफ़ा’ (कहानी-संग्रह)।

‘मदर्स डायरी’ (अंग्रेज़ी में अनूदित); ‘मेरे लई नई’ (पंजाबी में); ‘मीलों लम्बा पुल’ (उर्दू में); ‘निष्कवच’ (गुजराती में); ‘इक्यूनॉक्स’ (‘तत-सम’ का अनुवाद अंग्रेज़ी में)।

अनुवाद : जर्मन कवि रिल्के के 100 पत्रों का अनुवाद; आक्ताविया पाज़, दायसाकू इकेदा, लक्ष्मी कण्णन, दिनेश शुक्ल की रचनाओं के बहुत से अनुवाद।

राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय ‘हू इज हू’ में प्रविष्टि।

सम्मान : ‘हिन्दी अकादमी सम्मान’, ‘भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार’, ‘अनन्त गोपाल शेवडे पुरस्कार’, ‘वाग्मणि सम्मान’, ‘संसद साहित्य परिषद सम्मान’, ‘जनपद अलंकरण’ आदि।

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