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Santalia Aur Santal-E-Book

Author: E.G. Man
Editor: Ranendra
ISBN: 9789360862602
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹346.50 Regular Price ₹495.00
30% Off
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9789360862602-ebook

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Ranendra
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 128p
Price ₹495.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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E.G. Man

Author: E.G. Man

एडवर्ड गार्नेट

एडवर्ड गार्नेट मन का जन्म 8 फरवरी, 1837 को इंग्लैंड की केंट काउंटी के सेवेनओक्स जिले के हैल्स्टेड में हुआ था। आगे चलकर भारत उनकी कर्मभूमि बना।

वे लन्दन के चार ‘इंस ऑफ़ कोर्ट’ में से एक, ‘लिंकन इन’ के बैरिस्टर-एट-लॉ रहे, शान्ति न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया। सन्ताल परगना (बंगाल) के सहायक आयुक्त और बर्मा के सरकारी वकील भी रहे। भारत में जब 1857 का संग्राम छिड़ा, उस दौरान तीसरी सिख घुड़सवार सेना के साथ काम किया। इनके अलावा  ‘लन्दन टाइम्स’ के लिए पेराक युद्ध की रिपोर्टिंग की और कैंटरबरी डायोसीज़ में संवाददाता और ले रीडर रहे।

उनके लेखन में अमरता पर व्याख्यान, ‘द टाइम्स’ को लिखे गए पत्र और 1857 के भारतीय विद्रोह के विवरण के साथ-साथ ‘पैपल ऐम्स एंड पैपल क्लेम्स’ जैसी पुस्तक शामिल है। लेकिन उनकी बौद्धिक विरासत की प्रतिनिधि कृति है 1867 में प्रकाशित ‘सन्तालिया एंड द सन्ताल्स’ जिसे आज भी भारतीय आदिवासी समाज और संस्कृति के अध्ययन के सन्दर्भ में एक बुनियादी ग्रन्थ माना जाता है।  

उन्होंने 83 वर्ष की आयु में 14 नवम्बर, 1920 को सरे में अन्तिम साँस ली। उनका अन्तिम संस्कार सेंट जॉन कब्रिस्तान, वोकिंग (सरे) में किया गया और उन्हें सेंट मार्गरेट कब्रिस्तान, हैल्स्टेड में दफनाया गया

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