Samvedana Ke Swar

Poetry
Author: Dinesh Adhikari
Translator: Ganga Prasad Akela
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Samvedana Ke Swar

दिनेश अधिकारी नेपाली कवि हैं। हिन्दी में यह उनका पहला काव्य-संग्रह है। बहैसियत कवि अपने काव्य-कर्म के बारे में उनका कहना है कि आदमी और आदमी से जुड़े तमाम सन्दर्भ ही उनके लेखन की ऊर्जा बनते हैं। मौलिकता की उनकी अवधारणा ठीक उतनी ही विनम्र है जितनी ये कविताएँ। विनम्र लेकिन तत्वतः ठोस और अपने पैरों के नीचे की ज़मीं को भरी-पूरी नज़रों से देखती-आँकती हुई। वे कहते हैं कि एक ही विश्व के निवासी होने के कारण विषयवस्तु में समानता की सम्भावना प्रबल होती है। सो सृष्टा की मौलिकता को उसके प्रस्तुति-क्रम में खोजना चाहिए। लेकिन मौलिकता की एक कसौटी और भी है, वह है दृष्टि, जिसके दर्शन इस संग्रह की कविताओं में होते हैं। उनकी कविता पूछती है : ‘प्रदर्शन मात्र ही शक्ति है क्या?’ उनकी कविता बताती है : ‘कपड़ा फट जाता है, चमड़ी नहीं।’ उनकी कविता उद्घाटित करती है : ‘तर्क वास्तव में बेशर्म ही होता है...शासक की तरह बेहया।’ उनकी कविता स्वीकार करती है : ‘अकेले चलने का आनन्द तुम्हारे साथ चलते नहीं आता।’ ये कुछ पंक्तियाँ यद्यपि उनकी मौलिकता को रेखांकित करने के लिए पर्याप्त हैं लेकिन इस

संग्रह की कविताओं की अर्थ और सन्दर्भ-व्याप्ति कहीं अधिक है।

बीच-बीच में नेपाली अभिव्यक्तियों के साथ ये कविताएँ अखिल मानवता को सम्बोधित करती हैं। ‘हर्क बहादुर’, ‘कहाँ रखें अब पैदा होनेवाले पुत्र को’, ‘मच्छरदानी के भीतर आदमी’, ‘आदमी का क़द’ और ‘विकासोन्मुख देश का आदमी’ जैसी अनेक कविताएँ कवि के आन्तरिक विस्तार का परिचय देती हैं।

संग्रह में प्रकाशित ‘गाँव की एक कविता’ बार-बार पढ़ने लायक़ कविता है जिसमें प्रस्तुत गाँव की तस्वीर भारत में भी जहाँ चाहे वहाँ देखी जा सकती है। हस्तक्षेप के रूप में देखें तो यह विचारणीय है जो यह कविता कहती
है : ‘गोद के शिशु को पीठ पर बाँधकर मज़े से निकल जाती है कोई भी माँ अपनी सन्तान पर भी बोझ बन सकती है—उसे पता नहीं।’ हिन्दी कविता के परिदृश्य में हमारे प्रिय पड़ोसी देश से आई यह दस्तक स्वागत योग्य है, पर उससे पहले ध्यान से पढ़ने योग्य।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 136p
Translator Ganga Prasad Akela
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Editorial Review

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Dinesh Adhikari

Author: Dinesh Adhikari

दिनेश अधिकारी

नेपाली कविता और गीत के क्षेत्र में दिनेश अधिकारी का विशिष्ट स्थान और अलग पहचान है।

7 दिसम्बर, 1959 में काठमांडू में जन्मे दिनेश की रचनाएँ सन् 1976 से प्रकाशित होती आ रही हैं। उनके पाँच कविता संग्रह—'अन्तरका छिटाहरु’ (1980), 'धर्ती को गीत’ (1987), ‘आदिम आवाज़’ (1989), ‘अतिरिक्त अभिलेख’ (2000), और ‘सीमान्त’ (1991); तीन गीत-संग्रह ‘अविराम यात्रा’ (1991), ‘आपनै मन: आपनै आँगन’ (1977), और ‘मन र मोडहरू’ (2007) तथा एक बाल गीतिनाटक ‘जड़लको कथा जड़लको व्यथा’ (2001) प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी प्रतिनिधि कविताएँ अंग्रेज़ी भाषा में अनूदित होकर ‘Mode of Life’ (2009) नाम से प्रकाशित हैं। गीतकार के रूप में विशिष्ट पहचान रखनेवाले दिनेश अधिकारी के सैकड़ों गीत रिकॉर्ड हो चुके हैं। श्री अधिकारी नेपाली चलचित्र के गीतों के क्षेत्र में भी अपनी उत्कृष्ट पहचान बना चुके हैं।

कविता के लिए ‘मदन पुरस्कार’ और ‘साझा पुरस्कार’ जैसे अत्यन्त गौरवशाली राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करनेवाले दिनेश अधिकारी गीत-संगीत के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रतिष्ठित ‘छिन्नलता गीत पुरस्कार’ से भी सम्मानित हो चुके व्यक्तित्व हैं।

सम्प्रति : नेपाल सरकार के सचिव के रूप में कार्यरत दिनेश अधिकारी कविता और गीत के क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय रहते आए हैं!

 

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