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Sachchi Ramayan-E-Book

Editor: Pramod Ranjan
Edition: 2024, Ed. 8th
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
Special Price ₹149.25 Regular Price ₹199.00
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9788183619653-ebook

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‘सच्ची रामायण’ ई.वी. रामासामी नायकर 'पेरियार' की बहुचर्चित और सबसे विवादास्पद कृति रही है। पेरियार रामायण को एक राजनीतिक ग्रन्थ मानते थे। उनका कहना था कि इसे दक्षिणवासी अनार्यों पर उत्तर के आर्यों की विजय और प्रभुत्व को जायज़ ठहराने के लिए लिखा गया और यह ग़ैर-ब्राह्मणों पर ब्राह्मणों और महिलाओं पर पुरुषों के वर्चस्व का उपकरण है।

‘रामायण’ की मूल अन्तर्वस्तु को उजागर करने के लिए पेरिया8-@ *M0$?/K K <,M$ 0 2?/>d 22 8?9 />&5 (G 8 *M0$?,(M' 0 <,M$@ K 2>9>,>& 9>K0M .G A(L$@ &@d 5G 9>K0M .G .A<&.> @$ d 80>0 (G 9>K0M G (?0M#/ G +< 8A*M0@. K0M .G *@2 @d 16 8?$.M,0, 1976 K 8A*M0@. K0M (G 8 .>.2G *0 80M58.M.$? 8G + &G$G 9A 0>M/ 80>0 @ *@2 K <>0? 0 &?/> 0 -?5M/M$? @ 8M5$$M0$> G *M7 .G (?0M#/ 8A(>/>d

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Pramod Ranjan
Publication Year 2023
Edition Year 2024, Ed. 8th
Pages 152p
Price ₹199.00
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
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Periyar E.V. Ramasamy

Author: Periyar E.V. Ramasamy

पेरियार ई.वी. रामासामी

ई.वी. रामासामी नायकर 'पेरियार' (17 सितम्बर, 1879—24 दिसम्बर, 1973) बीसवीं शताब्दी के महानतम चिन्तकों और विचारकों में से एक हैं। उन्हें वाल्तेयर की श्रेणी का दार्शनिक, चिन्तक, लेखक और वक्ता माना जाता है। भारतीय समाज और भारतीय व्यक्ति का मुकम्मल आधुनिकीकरण जिन भारतीय चिन्तकों एवं विचारकों के विचारों के आधार पर किया जा सकता है, उसमें वे अग्रणी हैं। पेरियार एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने उन सभी बिन्दुओं को चिह्नित और रेखांकित किया है, जिनका ख़ात्मा भारतीय समाज और व्यक्ति के आधुनिकीकरण के लिए अनिवार्य है। उनकी विशिष्ट तर्क-पद्धति, तेवर और अभिव्यक्ति शैली के चलते जून, 1970 में यूनेस्को ने उन्हें ‘आधुनिक युग का मसीहा’, ‘दक्षिण-पूर्वी एशिया का सुकरात’, ‘समाज सुधारवादी आन्दोलनों का पितामह’ तथा ‘अज्ञानता, अन्धविश्वास, रूढ़िवाद और निरर्थक रीति-रिवाजों का कट्टर दुश्मन’  स्वीकार किया।

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