Ret Ki Machhali

Author: Kanta Bharti
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Ret Ki Machhali

लेखक सम्पूर्ण जीवन को अपनी रचना का विषय बनाता है, रचता है। ऐसे लेखक को फिर अपनी रचना का विषय बनाना एक विशेष प्रकार के अनुभव और संवेदनशीलता की अपेक्षा रखता है। कान्ता भारती ने अपने इस उपन्यास ‘रेत की मछली’ में लेखकीय जीवन और उसके निकट परिवेश को मानवीय सन्दर्भों में रचने का प्रयास किया है। विदेशी साहित्यों में इस प्रकार की कई औपन्यासिक कृतियाँ प्रसिद्ध हुई हैं; हिन्दी में यह अनुभव-क्षेत्र अभी नया है, और विशेष सम्भावनाओं से संयुक्त है। कान्ता की यह कथा-कृति अपने ब्यौरों में कहीं निर्मम है तो कहीं सहानुभूतिपूर्ण भी, और इस मायने में जीवन के सही अनुपात को साधती है। पाठक यहाँ रचना की पृष्ठभूमि को रचना के रूप में पाकर एक नए अनुभव-संसार में प्रवेश करता है, जहाँ उसके लिए बहुत-सी उपलब्धियाँ सम्भव हैं। 

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 148p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Editorial Review

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Kanta Bharti

Author: Kanta Bharti

कान्ता भारती

जन्म : 19 अगस्त, 1935; लाहौर में।

शिक्षा : प्रयाग विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एम.ए., हिन्दी से एम.ए. और कविवर सुमित्रानन्दन पंत पर शोध-कार्य कर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

देश विभाजन के बाद 1947 में परिवार के साथ इलाहाबाद आईं। यहाँ 'कविवर सुमित्रानन्दन पंत, इलाचन्द्र जोशी, महादेवी वर्मा और प्रयाग के साहित्यकारों का सान्निध्य मिला और साहित्यिक गतिविधियों से सक्रियता से जुड़ीं।

आकाशवाणी और दूरदर्शन के महत्त्वपूर्ण पदों पर रहीं और कई चर्चित धारावाहिक फ़िल्मों का निर्माण और लेखन किया। मीडिया विशेषज्ञ के रूप में कई देशों की यात्रा की।

निधन : 28 अगस्त, 2001

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