Facebook Pixel

Raag-Anurag-E-Book

Author: Ravishankar
Translator: Ramshankar Dwivedi
Editor: Editor Two
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹299.25 Regular Price ₹399.00
25% Off
In stock
SKU
9789390971640-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Ramshankar Dwivedi
Editor Editor Two
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 308p
Price ₹399.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Raag-Anurag-E-Book
Your Rating

Author: Ravishankar

रविशंकर 

विश्व-प्रसिद्ध मूर्धन्य सितार-वादक पण्डित रविशंकर का जन्म अप्रैल, 1920 को बनारस में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता श्याम शंकर चौधरी अँग्रेज़ों के अधीन कार्य करने के बाद एक वकील के तौर पर लंदन में काम करने चले गये थे और युवा रविशंकर का लालन-पालन उनकी माँ ने ही किया।
रविशंकर के बड़े भाई उदय शंकर उस समय के एक प्रसिद्ध नर्तक थे। वे अपने भाई की नृत्य-मण्डली के सदस्य के रूप में शामिल हो गये। उन्होंने दस साल की उम्र से इस नृत्य-मण्डली के साथ अमरीका और यूरोप के कई दौरे किए और एक नर्तक के रूप में कई यादगार प्रदर्शन दिए। फिर अठारह साल की उम्र में नृत्य छोड़कर सितार सीखना शुरू किया और उस्ताद (बाबा) अलाउद्दीन ख़ाँ से दीक्षा लेने मैहर गये। 1941 में बाबा की बेटी अन्नपूर्णा से उनका विवाह हुआ।
रविशंकर 1949 से 1956 तक ऑल इण्डिया रेडियोनयी दिल्ली के संगीत निर्देशक रहे। जून 1966 मेंलंदन में एक कार्यक्रम के चलते प्रसिद्ध बैंड बीटल्स के सदस्य जॉर्ज हैरिसन से उनकी मुलाक़ात हुई। हैरिसन रविशंकर से ख़ूब प्रभावित हुए और उनसे मित्रता की। इस मित्रता ने रविशंकर और भारतीय संगीत को पश्चिम में अभूतपूर्व लोकप्रियता दिलाई। हैरिसन ने रविशंकर को द गॉडफादर ऑफ़ वर्ल्ड म्यूज़िक’ के रूप में सम्बोधित किया था।
1986 से 1992 तक रविशंकर राज्यसभा के मनोनीत सदस्य रहे। उन्हें पाँच बार ग्रैमी पुरस्कार’ से और 1999 में संगीत में विशिष्ट योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
मृत्यु : 11 दिसम्बर, 2012 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top