Purua Pachuvan

Poetry
Author: Kailash Gautam
Editor: Mrityunjay
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Purua Pachuvan
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कैलाश गौतम भोजपुरी जनपद के किसान मन कवि हैं। ऋतुओं से किसान जीवन का लगाव, किसान जीवन में धर्म का मतलब, किसान-परिवार की संकल्पना और खेती-किसानी की मुश्किलें, कहिए तो किसान जीवन के सामाजिक-सांस्कृतिक पहलू उनकी कविता का बड़ा भाग गढ़ते हैं। सत्ताओं की तानाशाही, उनका गैर-जम्हूरी चरित्र कैलाश जी की कविता के व्यंग्य के निशाने पर होता है। उनका यह संग्रह भोजपुरी समाज को नजदीक से जानने-समझने का मौका उपलब्ध कराता है।...यह कविता-संग्रह यथार्थ के मार्मिक और सच्चे विवरण के लिए, जबरदस्त भाषा के लिए और संवेदनशील नजर के लिए पढ़ा जाना चाहिए।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 152p
Translator Not Selected
Editor Mrityunjay
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Editorial Review

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Kailash Gautam

Author: Kailash Gautam

कैलाश गौतम

राष्ट्रीय स्तर के काव्य-मंचों के प्रतिष्ठित, लोकप्रिय, जनकवि के रूप में विख्यात तथा भोजपुरी के ख्यातिलब्ध बहुचर्चित कवि कैलाश गौतम का जन्म 8 जनवरी, 1944 को वाराणसी के डिग्घी, चन्दौली में हुआ। उन्होंने बी.ए. की शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से, बी.एड. गोरखपुर विश्वविद्यालय से तथा एम.ए. की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रहण करने के उपरान्त आकाशवाणी से बतौर वरिष्ठ उद्घोषक, विभागीय कलाकार के रूप में 1967 से 2004 तक कार्य किया। तत्पश्चात् हिन्दुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष पद का कार्यभार सँभाला।

‘यश भारती सम्मान’, ‘लोकभूषण सम्मान’, ‘राहुल सांकृत्यायन सम्मान’, ‘ऋतुराज सम्मान’, ‘परिवार सम्मान’, ‘निराला सम्मान’, ‘महादेवी सम्मान’ आदि से सम्‍मानित।

निधन : 9 दिसम्बर, 2006

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