Pichhale Prishth Se Aage…

Translator: Gajanan Chauhan
Edition: 2015, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Pichhale Prishth Se Aage…

मराठी के प्रसिद्ध कवि नारायण कुलकर्णी कवठेकर के काव्य-संग्रह ‘मागील पानावरून पुढे सुरू...’ का हिन्दी अनुवाद है—‘पिछले पृष्ठ से आगे...’।

संग्रह की कविताएँ देश की समकालीन परिस्थितियों पर नई शैली में प्रकाश डालती हैं। यह नई शैली हिन्दी पाठकों को निश्चय ही कवि की भावनाओं की उत्कट प्रतीति कराएगी। यह काव्य-संग्रह मनुष्य को असहाय, विवश एवं संत्रस्त बनानेवाली व्यवस्था के विरुद्ध एक प्रतिभावान कवि का कारगर हस्तक्षेप है।

न्यायिक प्रक्रिया का खोखलापन, सरकारी नीतियों की अशाश्वतता, सरकारी योजनाओं का ग़लत कार्यान्वयन, व्यवस्था द्वारा किए जानेवाले विकास के ग़लत दावे एवं फ़तवे, कलाकारों की बाधित स्वतंत्रता, प्रभावहीन नेताओं के नक़ली चेहरे, प्राकृतिक तत्त्वों की बेशुमार लूट, किसानों एवं आदिवासियों की छीछालेदर, उन पर बरसनेवाले आसमानी एवं सुल्तानी संकट, महिलाओं पर हो रहे निर्मम अत्याचार आदि कितने ही विषय हैं जिनको ज़मीनी यथार्थ के अधिकाधिक पहलुओं समेत प्रस्तुत कर कवि ने अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दिया है।

कवि द्वारा समस्या की जड़ तक जाने, उसके अछूते पहलुओं को उभारने तथा उक्ति, सूक्ति, स्वभावोक्ति, वक्रोक्ति, व्यंग्योक्ति आदि अभिव्यक्ति के सभी स्तरों पर नए प्रयोग करने से प्रस्तुत संग्रह की कविताओं में हम असाधारण ताज़गी एवं जीवन्तता का अनुभव कर सकते हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 176p
Translator Gajanan Chauhan
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Author: Narayan Kulkarni Kavthekar

नारायण कुलकर्णी कवठेकर

नारायण कुलकर्णी कवठेकर मराठी के चर्चित कवि हैं। साथ ही सम्पादन, समीक्षा, ललित लेखन के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। उनका दूसरा चर्चित कविता-संग्रह है—‘हे मेरी घास की पत्तियाँ’।उनकी कहानियाँ नए सन्दर्भों और शिल्प के लिए जानी जाती हैं।‘ह्रस्व व दीर्घ’ललित लेखों का संग्रह है। उनकी कविताओं के हिन्दी, अंग्रेज़ी, गुजराती, राजस्थानी, उर्दू, तमिल आदि भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। श्री कुलकर्णी को महाराष्ट्र साहित्य परिषद् के पुरस्कार के साथ बहिणाई प्रतिष्ठान का तथा ‘परिवर्तन पुरस्कार’ सहित कई सम्मान प्राप्त हैं।

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