‘पराजय’ अलेक्सान्द्र फ़देयेव का पहला उपन्यास है। क्रान्ति-विरोधियों के विरुद्ध क्रान्तिकारियों के छापामार युद्ध का इसमें व्यापक, गहन और प्रामाणिक चित्र प्रस्तुत किया गया है। वास्तविक जीवन का सहज वर्णन करते हुए लेखक ने चरित्रों के नैतिक विकास पर ज़ोर दिया है। फ़देयेव स्वयं छापामार रहे थे, जिस कारण इस उपन्यास का कथानक न केवल विश्वसनीय बन पड़ा है, बल्कि रूसी क्रान्ति में लेखक की आस्था को भी सच्चे, सटीक ढंग से सम्प्रेषित करता है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Publication Year | 2024 |
Edition Year | 2024, Ed. 1st |
Pages | 262p |
Translator | Nirmal Verma |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 21 X 14.5 X 2 |