Facebook Pixel

Mrityunjayee-E-Book

ISBN: 9789395737227
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹696.50 Regular Price ₹995.00
30% Off
In stock
SKU
9789395737227-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 328
Price ₹995.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Mrityunjayee-E-Book
Your Rating
Bhagwat Jha Azad

Author: Bhagwat Jha Azad

भागवत झा आज़ाद

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के निर्भीक स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राजनेता, साहित्यकार और समाजसेवी भागवत झा आज़ाद का जन्म 28 नवंबर, 1922 को हुआ था। छात्र जीवन से ही वे स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े। जेल गए, यातनाएँ सहीं, पढ़ाई भी बाधित हुई, किन्तु मनोबल नहीं गिरने दिया। यहीं से ‘आज़ाद’ शब्द उनके नाम के आगे जुड़ गया। वे रवीन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी तथा जवाहरलाल नेहरू से प्रभावित थे। रवीन्द्रनाथ टैगोर के ‘एकला चलो’ भाव को एक कर्मयोगी की तरह आत्मसात कर संघर्ष पथ पर बढ़ते गए। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में राजनीति के क्षेत्र में उतरे। समाज में लोकप्रियता के कारण गोड्डा से सांसद बने। फिर भागलपुर से सांसद बने। इन्दिरा गाँधी की सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री बने। 14 फरवरी, 1988 से 10 मार्च, 1989 तक अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री रहे। अपने जमाने में बिहार की राजनीति में ‘शेर-ए-बिहार’ के नाम से जाने जाते थे। इन सभी गतिविधियों में संलग्न रहते हुए भी आज़ाद के भीतर का साहित्यकार सतत् सक्रिय रहा। उनकी साहित्यिक चेतना अत्यन्त प्रखर थी। उनके अकेलेपन का साथी साहित्य ही था जहाँ उन्हें सन्तोष मिलता था। छायावाद की प्रमुख कवयित्री महादेवी वर्मा जी से उनका संवाद और पत्राचार लगातार होता था। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के साथ उनका आत्मीय सम्बन्ध था। भवानी प्रसाद मिश्र, कन्हैयालाल नन्दन, धर्मवीर भारती, योगेन्द्र सिंह, डॉ. रघुवंश सरीखे साहित्यकारों से उनका आत्मीय सरोकार था।

4 अक्टूबर, 2011 को आज़ाद का निधन हो गया।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top