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Man-Man Ke Sawal -E-Book

Translator: Jayram Suryawanshi
Edition: 2020, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Sarthak (An imprint of Rajkamal Prakashan)
Special Price ₹149.25 Regular Price ₹199.00
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मनोविकार एक ऐसा विषय है जिसको लेकर भारतीय समाज में कई तरह के अन्‍धविश्वास व्याप्त हैं। मानसिक बीमारियाँ भी शरीर की अन्य व्याधियों की ही तरह होती हैं, इस तथ्य को आज भी भारत के लोग स्वीकार नहीं कर पाते। शिक्षित समाज का व्यवहार भी इस मामले में कुछ अलग नहीं है। पहले तो वे हर मनोविकार को पागलपन से जोड़ देते हैं, और इसे छिपाने की कोशिश करने लगते हैं। दूसरे ऐसे अनेक मनोरोग जो व्यक्ति के जीवन पर दीर्घकालीन प्रभाव डालते रहते हैं, उन्हें इलाज के योग्य ही नहीं माना जाता। यही वजह है कि हमारे यहाँ मनोरोग-विशेषज्ञों की भी भारी कमी है, और उनके स्थान पर झाड़-फूँक और गंडा-ताबीज का बोलबाला है।

अपने मौजूदा हालात से सामंजस्य न बिठा पाने की स्थिति को मानसिक तनाव कहा जाता है, इस परिभाषा की रोशनी में देखें तो हमारे आसपास कोई भी ऐसा नहीं है जो आज की बदलती हुई सामाजिक-पारिवारिक-नैतिक और आर्थिक परिस्थितियों के चलते तनाव से पूरी तरह मुक्त हो। तनाव की शुरुआती अवस्थाओं से लेकर सिज़ोफ्रेनिया और पागलपन तक मनोविकारों की एक लम्बी शृंखला होती है। इसलिए यह जरूरी है कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जाए और तनाव कम करने की आध्यात्मिक विधियाँ बेचनेवाले गुरुओं और बाबाओं की शरण में जाने के बजाय इसे वैज्ञानिक ढंग से देखा-समझा जाए।

तार्किक जीवन-पद्धति के जुझारू पैरोकार नरेंद्र दाभोलकर की यह पुस्तक इसी विषय पर केन्द्रित है। इस पुस्तक का लेखन उन्होंने मनोविकार विशेषज्ञ हमीद दाभोलकर के साथ संयुक्त रूप से किया है। इस तरह एक तरफ़ जहाँ हम इसमें मानसिक विकारों की संरचना का वैज्ञानिक परिचय पाते हैं, वहीं भारतीय समाज में मनोरोगों को लेकर जो धार्मिक-सामाजिक और आध्यात्मिक अन्‍धविश्वास व्याप्त हैं, उनकी विसंगतियों को भी समझ पाते हैं। साथ ही मनोविकारों और उनके उपचार, मन के व्यवहार, बच्चों और स्त्रियों के मनोविकार तथा व्यसनों से जुड़े मानसिक दोषों को भी तर्कसंगत रूप में यहाँ विश्लेषित किया गया है?

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Jayram Suryawanshi
Editor Sunil Kumar Lavte
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 167p
Price ₹199.00
Publisher Sarthak (An imprint of Rajkamal Prakashan)
Dimensions 22 X 14 X 1
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Narendra Dabholkar

Author: Narendra Dabholkar

नरेंद्र दाभोलकर

जन्म : 1 नवम्बर, 1945

एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई कर चुके डॉ. नरेंद्र दाभोलकर ने सन् 1982 में अंधविश्वास उन्मूलन कार्य का प्रारंभ किया। 1989 में ‘महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ की स्थापना की। आजन्म समिति के कार्याध्यक्ष रहे। अंधविश्वास उन्मूलन विषय पर दर्जन-भर पुस्तकों का लेखन किया। पुस्तकों को अनेक पुरस्कार मिले। 20 अगस्त, 2013 को अज्ञात तत्त्वों द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किए गए।

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