Islam Ka Saidhantik Parivesh

Author: Zafar Raza
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Islam Ka Saidhantik Parivesh

प्रोफ़ेसर सैयद जाफ़र रज़ा उन विद्वान अध्यापकों में हैं, जो किसी भी विश्वविद्यालय के लिए गौरवपात्रिक होते हैं। मेरा उनका साथ कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर से है। मैंने उनकी प्रबुद्धता के जौहर अनेक संगोष्ठियों में देखे हैं। इस्लामी धर्म, इतिहास, दर्शन, साहित्य और संस्कृति पर उन जैसी पैनी दृष्टि किसी दूसरे उर्दू साहित्यकार में मुझे देखने को नहीं मिली।

प्रस्तुत पुस्तक में इस्लामी धर्म और समाज के बारे में सभी ज़रूरी जानकारी इस तरह पेश की गई है, कि कतरा में दजला की सैर करा दी है। उस पर सोहागा है, विद्वान लेखक की अपनी स्वस्थ, सन्तुलित एवं उदार दृष्टि, जिससे वे पहचाने जाते हैं। कोई बात बिना किसी ठोस आधार के नहीं लिखते हैं। यदि किसी विवादास्पद विषय पर उन्हें लिखना ही पड़ा, तो इस पर नज़र रखते हैं कि उनके क़लम से किसी के दिल को चोट न लगे। इस पुस्तक में भी इसका ख़याल रखा गया है।

यह अत्यन्त उपयोगी पुस्तक है, जिससे इस्लामी धर्म और समाज का सही परिचय मिलता है। यक़ीन है कि पुस्तक का हिन्दी-जगत में स्वागत होगा।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 263p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Author: Zafar Raza

जाफ़र रज़ा

प्रख्यात विद्वान्, साहित्यकार एवं चिन्तक प्रोफ़ेसर जाफ़र रज़ा का जन्म 1 दिसम्बर, 1939

को इलाहाबाद में गंगा पार के उतराँव में हुआ। ये स्वतंत्रता सेनानी एवं लेखक स्वर्गीय सैयद खैरात हसन के सुपुत्र हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उर्दू तथा हिन्दी में दो बार ‘डॉक्टर ऑफ़ फ़िलॉसफ़ी' की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर ने प्रकाशित शोधग्रन्थों की मान्यतारूपेण ‘डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स' की उपाधि प्रदान की।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गौरवपात्रिक प्रोफ़ेसर जाफ़र रज़ा 35 वर्षों तक अध्यापन कर प्रेमचन्द पीठाचार्य एवं उर्दू विभागाध्यक्ष पद से सन् 2000 में सेवानिवृत्त हुए।

प्रोफ़ेसर जाफ़र रज़ा का व्यक्तित्व बहुआयामी है। हिन्दी तथा उर्दू भाषाओं एवं साहित्य के अतिरिक्त संस्कृति, इतिहास, दर्शन, इस्लाम धर्म आदि विषयों पर लगभग तीन दर्जन प्रकाशित ग्रन्थ हैं। अनेक बार राष्ट्रीय तथा अन्‍तरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत एवं अलंकृत हुए।

इनकी कुछेक महत्त्वपूर्ण हिन्दी पुस्तकों में ‘भारतीय इस्लामी संस्कृति’, ‘इस्लाम का सैद्धान्तिक परिवेश’, ‘इस्लाम के धार्मिक आयाम : हुसैनी क्रान्ति के परिप्रेक्ष्य में’, ‘भारतीय साहित्य में मुसलमानों का अवदान’, ‘कथाकार प्रेमचन्द’, ‘प्रेमचन्द : कहानी का रहनुमा’, ‘उर्दू शायरी : आज़ादी के बाद’, ‘हिन्दी-उर्दू शब्दकोश’ आदि उल्लेखनीय हैं।

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