Hindi Kriyaon Ki Roop-Rachana

Grammar
As low as ₹276.50 Regular Price ₹395.00
You Save 30%
In stock
Only %1 left
SKU
Hindi Kriyaon Ki Roop-Rachana
- +

हिन्‍दी के आरम्भिक व्याकरण यूरोपीय विद्वानों ने लिखे थे। इन व्याकरणों को लिखने में उन्होंने वही पद्धति अपनाई, जिसमें उनके अपने व्याकरण लिखे गए थे। लौटिन पद्धति के उन व्याकरणों में पदों का वर्गीकरण अर्थमूलक आधार पर ही होता था। बाद में जब हिन्‍दी भाषाभाषी विद्वानों ने व्याकरण लिखे तो उन्होंने भी जाने-अनजाने पूर्वलिखित व्याकरणों को आधार बनाया। भारतीय प्राचीन पद्धति पदों का विवेचन तथा वर्गीकरण उनकी रूप-रचना के आधार पर ही करती थी। विश्वविख्यात ‘अष्टाध्यायी’ इसका ज्वलन्‍त प्रमाण है।

प्रस्तुत पुस्तक में क्रियापदों के सभी वर्गीकरण पदों की रूप-रचना पर ही आधारित हैं। एकपदीय और द्विपदीय क्रियापद, विकारी और अविकारी क्रियापद, कर्तृ अनुगामी और कर्मादि-अनुगामी क्रियापद, कर्तृवाच्य और कर्मादिवाच्य क्रियापद आदि सभी वर्गीकरणों का आधार पूर्णतः उनकी रूप-रचना ही है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2017
Edition Year 2019, Ed. 2nd
Pages 156p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Hindi Kriyaon Ki Roop-Rachana
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Badrinath Kapoor

Author: Badrinath Kapoor

बदरीनाथ कपूर
जन्म : 16 सितम्बर, 1932 को, अकालगढ़, ज़िला—गुजराँवाला में (अब पाकिस्तान)।

शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.।

डॉ. बदरीनाथ कपूर पिछले पाँच दशकों से भाषा, व्याकरण और कोश प्रणयन के क्षेत्र में निरन्तर कार्यरत हैं। डॉ. कपूर 1956 से 1965 तक ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’, प्रयाग द्वारा प्रकाशित ‘मानक हिन्दी कोश’ पर सहायक सम्पादक के रूप में काम करते रहे। बाद में जापान सरकार के आमंत्रण पर टोक्यो विश्वविद्यालय में, 1983 से 1986 तक, अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में सेवा प्रदान की।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘वाक्‍य-संरचना और विश्‍लेषण : नए प्रयोग’, ‘उर्दू-हिन्दी-अंग्रेज़ी त्रिभाषी कोश’, ‘उर्दू हिन्दी कोश’, ‘लोकभारती प्रामाणिक हिन्दी बाल-कोश’, ‘हिन्दी-अंग्रेज़ी पर्यायवाची एवं विपर्याय कोश’, ‘लोकभारती हिन्दी मुहावरे और लोकोक्ति कोश’, ‘लोकभारती बृहत् प्रामाणिक हिन्दी कोश’, ‘आधुनिक हिन्दी प्रयोग कोश’, ‘अच्‍छी हिन्दी’, ‘हिन्दी प्रयोग’, ‘नवशती हिन्दी व्‍याकरण’, ‘हिन्दी क्रियाओं की रूप-रचना’ आदि।

डॉ. कपूर की अनेक पुस्तकें उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पुरस्कृत हैं। ‘हिन्दी गौरव सम्‍मान’, ‘श्री अन्नपूर्णानन्द वर्मा अलंकरण’, ‘सौहार्द सम्मान’, ‘काशी रत्न’, ‘महामना मदनमोहन मालवीय सम्मान’, ‘विद्या भूषण सम्मान’ आदि सम्‍मानों से सम्‍मानित।

निधन : 21 जनवरी, 2021

Read More
Books by this Author

Back to Top