Lokbharti Hindi Angreji Paryayvachi Evam Viparyay Kosh

Edition: 2020, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Lokbharti Hindi Angreji Paryayvachi Evam Viparyay Kosh-1
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इस कोश में 5000 से कुछ अधिक ही पर्यायमालाएँ दी गई हैं जिनमें 30000 से अधिक पर्याय शब्दों का संकलन हुआ है। सहस्राधिक मालाएँ बिलकुल नई हैं। पर्यायमालाओं के निर्धारण में प्रामाणिक एवं वैज्ञानिक पद्धति का अनुसरण किया गया है। एकाधिक अर्थों के सूचक शब्दों को पर्यायमाला में सम्मिलित नहीं किया गया है। संज्ञा-सूचक शब्दों के पर्याय के रूप में विशेषण–सूचक शब्दों को भी शामिल कर लेने के अभ्यास से इस कोश को सचेत रूप से मुक्त रखा गया है। प्रचलन से बाहर हो चुके शब्दों को पर्यायमालाओं के निर्धारण में शामिल नहीं किया गया है। कभी–कभी कुछ कोशकार ऐसे शब्दों को भी परस्पर पर्याय घोषित कर देते हैं जिनके अर्थों में कुछ भी समानता नहीं होती। यह कोश इस दोष से सर्वथा मुक्त है। कुछ ऐसी पर्यायमालाएँ भी हैं जिनके एक से अधिक शब्द प्रमुख प्रतीत होते हैं। ऐसी स्थिति में निर्णय करना कठिन होता है कि किस शब्द को प्रमुख शब्द माना जाए। इसलिए इस कोश में कुछ ऐसी मालाएँ हैं जो दो–दो मूल शब्दों के अन्तर्गत रखी गई हैं। ऐसा पाठकों की सुविधा की दृष्टि से किया गया है। पर्यायमाला में शब्दों के क्रम का निर्धारण कोश विज्ञान के नियमानुसार किया गया है। एक उल्लेखनीय विशेषता यह भी है कि इस कोश में प्रचलित साहित्य तथा लोक-जीवन से भी पर्याय–शब्द सम्मिलित किए गए हैं। कोश में पर्याय वर्णानुक्रम में रखे गए हैं, जिससे इस कोश में पर्यायों की खोज सर्वथा सुगम है। प्रत्येक पर्यायमाला के साथ कुछ अंग्रेज़ी समानक या तदर्थी शब्द इस कोश में दिए गए हैं जिससे कोश की गुणवत्ता बढ़ गई है। इस कोश में पहली बार विपर्यायों की लम्बी सूची भी दी गई है।

अध्यापकों, विद्यार्थियों, लेखकों, शोधार्थियों व पत्रकारों के लिए यह कोश संग्रहणीय है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2020, Ed. 2nd
Pages 464p
Translator Not Selected
Editor Badrinath Kapoor
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2.5
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Badrinath Kapoor

Author: Badrinath Kapoor

बदरीनाथ कपूर
जन्म : 16 सितम्बर, 1932 को, अकालगढ़, ज़िला—गुजराँवाला में (अब पाकिस्तान)।

शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.।

डॉ. बदरीनाथ कपूर पिछले पाँच दशकों से भाषा, व्याकरण और कोश प्रणयन के क्षेत्र में निरन्तर कार्यरत हैं। डॉ. कपूर 1956 से 1965 तक ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’, प्रयाग द्वारा प्रकाशित ‘मानक हिन्दी कोश’ पर सहायक सम्पादक के रूप में काम करते रहे। बाद में जापान सरकार के आमंत्रण पर टोक्यो विश्वविद्यालय में, 1983 से 1986 तक, अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में सेवा प्रदान की।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘वाक्‍य-संरचना और विश्‍लेषण : नए प्रयोग’, ‘उर्दू-हिन्दी-अंग्रेज़ी त्रिभाषी कोश’, ‘उर्दू हिन्दी कोश’, ‘लोकभारती प्रामाणिक हिन्दी बाल-कोश’, ‘हिन्दी-अंग्रेज़ी पर्यायवाची एवं विपर्याय कोश’, ‘लोकभारती हिन्दी मुहावरे और लोकोक्ति कोश’, ‘लोकभारती बृहत् प्रामाणिक हिन्दी कोश’, ‘आधुनिक हिन्दी प्रयोग कोश’, ‘अच्‍छी हिन्दी’, ‘हिन्दी प्रयोग’, ‘नवशती हिन्दी व्‍याकरण’, ‘हिन्दी क्रियाओं की रूप-रचना’ आदि।

डॉ. कपूर की अनेक पुस्तकें उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पुरस्कृत हैं। ‘हिन्दी गौरव सम्‍मान’, ‘श्री अन्नपूर्णानन्द वर्मा अलंकरण’, ‘सौहार्द सम्मान’, ‘काशी रत्न’, ‘महामना मदनमोहन मालवीय सम्मान’, ‘विद्या भूषण सम्मान’ आदि सम्‍मानों से सम्‍मानित।
निधन : 21 जनवरी, 2021

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