Hindi Bhasha Aur Mahavir Prasad Dwivedi

Literary Criticism
Author: Madhu Gautam
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Hindi Bhasha Aur Mahavir Prasad Dwivedi
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युग-निर्माता आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ने अपने युग के लेखकों की भाषा में जो सुधार किए एवं उनकी रचनाओं का भाषा-विश्लेषण किया है, उनके योगदान का सम्यक् इस पुस्तक में मूल्यांकन किया गया है। लेखिका ने आलोच्य पुस्तक में महावीरप्रसाद द्विवेदी का मूल्यांकन भाषा-वैज्ञानिक पद्धति पर किया है, जिसके साथ उनका साहित्यिक अवदान भी स्पष्ट होता चला है। ‘सरस्वती’ पत्रिका में द्विवेदी जी के सम्पादन-कर्म का सम्यक् मूल्यांकन भी इस पुस्तक की अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता है।

द्विवेदी जी द्वारा प्रयुक्त शब्दकोश को भी प्रस्तुत किया गया है। जिन पाठकों को द्विवेदी जी के समस्त कार्यों का अवगाहन कर ‘सरस्वती’ के महत्त्व को जानने की जिज्ञासा हो, साथ ही नवजागरण से युक्त हिन्दी साहित्य के व्याकरणिक परिवर्तन को देखने की इच्छा हो उनके लिए यह पुस्तक अवश्य पठनीय एवं मनन योग्य है। महावीरप्रसाद द्विवेदी जी के मूल्यांकन में यह पुस्तक नए आयाम खोलती है, जिसका आधार भाषाशास्त्र है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2020
Edition Year 2020, Ed. 1st
Pages 350p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Editorial Review

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Madhu Gautam

Author: Madhu Gautam

मधु गौतम

जन्म : 7 अगस्त, 1950 को अजमेर में हुआ।

शिक्षा : 1971 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिन्‍दी विषय में परास्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ डी.फिल भी 1974 में पूर्ण की। कुछ वर्षों पश्चात् पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से पंजाबी भाषा में 1981 में परास्नातक (एम.ए.) पूर्ण किया।

प्रकाशन : अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शोध लेख प्रकाशन के साथ-साथ पंजाबी भाषा एवं साहित्य में अध्यापनरत रही हैं। यह पुस्तक इनके लम्बे अध्यापकीय अनुभव, जीवन-संघर्ष एवं मेधा का निचोड़ है।

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