Bhashayi Swatvabodh Aur Hindi

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Bhashayi Swatvabodh Aur Hindi
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भाषा मनुष्य की अन्यतम उपलब्धि है। भाषा के माध्यम से ही मनुष्य ने विकास के विभिन्न सोपान पार किए हैं। मानव सभ्यता के विकास की दृष्टि से संचार के क्षेत्र में भाषा को पहली क्रान्ति के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। इस क्षेत्र में लिपि दूसरी बड़ी क्रान्ति है, जिसके माध्यम से भाषा को रूपायित किया जाता है। भाषा का मनुष्य जीवन में बुनियादी महत्त्व है। भाषा संस्कार निर्माण का सबसे महत्त्वपूर्ण उपकरण है। वह केवल विचारों के सम्प्रेषण मात्र का साधन नहीं है अपितु वह सभ्यता एवं संस्कृति का वाहक भी है। भाषा का संस्कृति के साथ गहरा सम्बन्ध है। किसी भी देश की संस्कृति उस देश की भाषा में ही अभिव्यक्त होती है। महादेवी वर्मा का मानना है कि, "संस्कृति किसी भी देश के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होती है और संस्कृति तब तक गूँगी रहती है जब तक किसी भी देश के पास भाषा नहीं होती। राष्ट्र नदी, पहाड़ के भूगोल से नही बनता, यह संस्कृति और भाषा से बनता है। भाषा कोई परिधान नहीं है कि आप उसे बदल देंगे या उतार देंगे— वह व्यक्तित्व है, राष्ट्रीय व्यक्तित्व।"

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 152p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Sadanand Prasad Gupt

Author: Sadanand Prasad Gupt

प्रो. सदानन्दप्रसाद गुप्त

जन्म : 19 फरवरी, 1952, मकडीहा (गिरिडीह-झारखंड)।

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (हिन्दी) दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय।

गतिविधियाँ : संयोजक हिन्दी भाषा समिति, के.के. बिड़ला फाउंडेशन, नई दिल्ली (1998 से 2000)

सदस्य : अखिल भारतीय साहित्य परिषद न्यास, नई दिल्ली।

प्रमुख प्रकाशित पुस्तकें : हिन्दी साहित्य : विविध परिदृश्य, राष्ट्रीय अस्मिता और हिन्दी साहित्य, वैचारिक स्वराज और हिन्दी साहित्य, हिन्दी

साहित्य : विविध आयाम इत्यादि।

सम्पादित पुस्तकें : संस्कृति का कल्पतरु : कल्याण, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, निर्मल वर्मा का रचना संसार, अज्ञेय : सृजन के आयाम, राष्ट्रीयता के अनन्य साधक महंत अवेद्यनाथ, संस्कृति संवाद, राष्ट्र संत महन्त अवेद्यनाथ।

सम्पादन : समन्वय (साहित्यिक पत्रिका) 2000-2012, साहित्य भारतीय (2011 से अद्यतन)

पुरस्कार : साहित्य-कृति सम्मान, सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार से सम्मानित

पता : पारिजात, 65 आई, जंगल सालिकराम, गोरखपुर-273014 (उत्तर प्रदेश)

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