भाषा मनुष्य की अन्यतम उपलब्धि है। भाषा के माध्यम से ही मनुष्य ने विकास के विभिन्न सोपान पार किए हैं। मानव सभ्यता के विकास की दृष्टि से संचार के क्षेत्र में भाषा को पहली क्रान्ति के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। इस क्षेत्र में लिपि दूसरी बड़ी क्रान्ति है, जिसके माध्यम से भाषा को रूपायित किया जाता है। भाषा का मनुष्य जीवन में बुनियादी महत्त्व है। भाषा संस्कार निर्माण का सबसे महत्त्वपूर्ण उपकरण है। वह केवल विचारों के सम्प्रेषण मात्र का साधन नहीं है अपितु वह सभ्यता एवं संस्कृति का वाहक भी है। भाषा का संस्कृति के साथ गहरा सम्बन्ध है। किसी भी देश की संस्कृति उस देश की भाषा में ही अभिव्यक्त होती है। महादेवी वर्मा का मानना है कि, "संस्कृति किसी भी देश के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होती है और संस्कृति तब तक गूँगी रहती है जब तक किसी भी देश के पास भाषा नहीं होती। राष्ट्र नदी, पहाड़ के भूगोल से नही बनता, यह संस्कृति और भाषा से बनता है। भाषा कोई परिधान नहीं है कि आप उसे बदल देंगे या उतार देंगे— वह व्यक्तित्व है, राष्ट्रीय व्यक्तित्व।"
Language | Hindi |
---|---|
Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2024 |
Edition Year | 2024, Ed. 1st |
Pages | 152p |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 1.5 |