Bharatmata : Dhartimata

Editor: Onkar Sharad
As low as ₹225.00 Regular Price ₹250.00
You Save 10%
In stock
Only %1 left
SKU
Bharatmata : Dhartimata
- +

प्रस्तुत पुस्तक 'भारतमाता-धरतीमाता' समाजवादी विचारक और चिन्तक डॉ. राममनोहर लोहिया के सामाजिक, सांस्कृतिक (ग़ैर राजनीतिक) लेखों का संग्रह है जो लोहिया के सांस्कृतिक मन और सोच को उजागर करता है। संग्रह के सभी लेख मूल रूप में ग़ैर राजनीतिक हैं, लेकिन कहीं-कहीं राजनीति की झलक ज़रूर दिख जाती है, वह लोहिया की मजबूरी थी। रामायण, राम, कृष्ण तीर्थों और अन्य विषयों पर उनकी जो दृष्टि थी उनमें वे आधुनिक सन्दर्भ को जोड़ते थे, इसलिए कहीं-कहीं राजनीति की झलक मिलती है। संग्रह के सभी लेख लोहिया जी के जीवन-काल में सन् 1950 से 1965 तक के कालखंड के ही हैं, अत: बीच-बीच में आबादी आदि के जो आँकड़े प्रस्तुत किए गए हैं, वे उसी समय के हैं।

प्रस्तुत पुस्तक निःसन्देह पठनीय और संग्रहणीय है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1982
Edition Year 2019, Ed. 7th
Pages 203p
Translator Not Selected
Editor Onkar Sharad
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Bharatmata : Dhartimata
Your Rating
Rammanohar Lohia

Author: Rammanohar Lohia

डॉ. राममनोहर लोहिया

जन्म : अकबरपुर (फ़ैज़ाबाद, उ.प्र.), 23 मार्च, 1910

शिक्षा : अकबरपुर, बनारस और कलकत्ता में। बर्लिन विश्वविद्यालय से 1933 में अर्थशास्त्र में पीएच.डी.।

1934 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक सदस्य, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, ‘कांग्रेस सोशलिस्ट' (अंग्रेज़ी साप्ताहिक, कलकत्ता) का सम्पादन। 1936-38 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के विदेश-सचिव। 1942 की अगस्त क्रान्ति का नेतृत्व, विशेष रूप में कांग्रेस रेडियो का संचालन। 1944 के आरम्भ में गिरफ़्तारी, लाहौर के क़िले में यातनाएँ। 1946 में रिहाई के दो महीने बाद ही गोवा के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व, नेपाल के लोकतांत्रिक आन्दोलन का (1950 तक) मार्गदर्शन। 1946 में बंगाल और बाद में दिल्ली में गांधी जी के शान्ति प्रयत्नों में सक्रिय योग। 1948 में हिन्द किसान पंचायत के अध्यक्ष। 1947-51 में समाजवादी दल की विदेश नीति समिति के सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में यूरोप यात्रा, 1951 में विश्व-यात्रा। 1954 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के महामंत्री। 1955-56, सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना, प्रथम अध्यक्ष। 1958 में अंग्रेज़ी हटाओ, दाम बाँधो, और जाति विनाश आन्दोलनों का सूत्रपात और संगठन-निर्माण। 1962 में फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. से उपचुनाव में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित। 1964 में अमरीका यात्रा और रंगभेद के विरुद्ध सिविल नाफ़रमानी करने पर गिरफ़्तारी। 1966 में रूस और पूर्वी जर्मनी की यात्रा। 1937 से 1966 के बीच ब्रितानी, पुर्तगाली, और कांग्रेसी शासनों द्वारा कुल 18 बार गिरफ़्तार।

निधन : नई दिल्ली के विलिंग्डन अस्पताल में 12 अक्टूबर, 1967 में।

Read More
Books by this Author
Back to Top